💕 तोर पंवरी म मन मोर सदा रहे 💕
🌹 Tor Panwri Ma Lyrics🌹
🎵 Jas Geet Lyrics 🎵
- गीत – तोर पंवरी म
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार – गुरूदेव मौनी लाला जी
- संगीत – ओपी देवांगन
- प्रकार – छत्तीसगढ़ी जस गीत
- लेबल – कोक क्रिएशन
स्थायी
तोर पंवरी म मन मोर सदा रहे
मोर जीभिया हे माँ बंजारी कहे
हे माँ बंजारी कहे
ए मोर दाई सुन मोर माई
ए मोर दाई सुन मोर माई
जब लख जीता जिनगी मोर रहे
अंतरा 1
भागमानी हंव मैं हा दाई शरण परे हंव तुम्हरे हो
सरधा भक्ति के दीया बार के धरम रद्दा स्वीकारे हो
नेती नेती के गुण ला गावव हे महामाया तोरे हो
जीभिया बसहू मोर शारदा माई सुमिरौ थोरे थोरे हो
दया दान के बिरवा
दया दान के बिरवा
सदा हरा रहे
अंतरा 2
पांच रतन के पांच गुण ले तन हा बने मोर सारी हो
छित जल पावक गगन समीरा ले तन मन गढ़े महतारी हो
जनम मरन के भव बंधन ले आवागम संसारी हो
तैं महतारी अउ हम लईका शोर उड़े बड़ भारी हो
भावना म भगती हा
भावना म भगती हा
सुरूर सुरूर बहे
अंतरा 3
चंदन हावै पांव के धुर्रा मिसरी बने मन महतारी
तोर कोरा म लाखो आथे सुबहो संझव नर नारी
धरम के झूलना म सउहे बिराजे जय हो दाई बंजारी
कांतिकार्तिक मौनी लाला तोरे चरण म बलिहारी
तोर किरती जुगन जुगन ले
तोर किरती जुगन जुगन ले
दाई अमर रहे
तोर पंवरी म मन मोर सदा रहे
मोर जीभिया हे माँ बंजारी कहे
मोर जीभिया हे माँ बंजारी कहे
ए मोर दाई सुन मोर माई
ए मोर दाई सुन मोर माई
जब लख जीता जिनगी मोर रहे
बहुत बहुत धन्यवाद भाई ज़ी