🌺तरी हरी नाना हो 🌺
🌷Tari Hari Na Na Ho Lyrics 🌷
🌻Kavita Vasnik | सुवा गीत🌻
- गीत : तरी हरी नाना
- गायक : कविता वासनिक
- गीतकार : गिरिवरदास मानिकपुरी
- एल्बम : गौरा दर्शन सुवा
- लेबल : केके कैसेट
स्थायी
तरी नरी नाना हो
हरी नाना सुवा रे मोर
तरी हरी नाना हो
सुग्घर खुले तोला चुक ले खुले
सुग्घर खुले तोला चुक ले खुले
ऐ सुवा पाखी लुगरी अऊ
लाली पियर फूंदरी आँखी म झूले
तरी नरी नाना हो
हरी नाना सुवा रे मोर
तरी हरी नाना हो
अंतरा 1
तोर आगे लेवईया वो
दीदी डोला म चढ़ के चले जाबे
चली जाबे तैं बहिनी वो
फेर ये तो बता दे कब आबे
ऐ कमर करधनियां
पावें म पैजनियां छुम छुम बाजे
ऐ भाटो मुसकावै अऊ
दीदी लजावै वो सुवा नाचै
तरी नरी नाना हो
हरी नाना सुवा रे मोर
तरी हरी नाना हो
अंतरा 2
भैया सोरियाही वो
बहिनी तीजा तिहारे म चली आहूं
चली आहूं बहिनी वो
फरहारी बिहनिया लहूट जाहूं
ऐ पुन्नी नहाही तुहर सुरता आही
खचित आहूं
कोष्टउहां साड़ी चघे बईला गाड़ी
मड़ई जाहूं
तरी नरी नाना हो
हरी नाना सुवा रे मोर
तरी हरी नाना हो
अंतरा 3
गौ सही तिरिया वो
सुवना बांधे धंधाये रही जाथे
रही जाथे बहिनी वो
हांसी खुशी म सरि दुख सही जाथे
ऐ तिरिया के जात ससुरे म सुहाथे
विधि के बंधना
ऐ जिनगी पहाथे संग जिवरा जुड़ाथे
मईके के अंगना
तरी नरी नाना हो
हरी नाना सुवा रे मोर
तरी हरी नाना हो
सुग्घर खुले तोला चुक ले खुले
सुग्घर खुले तोला चुक ले खुले
ऐ सुवा पाखी लुगरी अऊ
लाली पियर फूंदरी आँखी म झूले
तरी नरी नाना हो
हरी नाना सुवा रे मोर
तरी हरी नाना हो