सीता श्राप कथा – गीतांजलि साहू | SITA SHRAP KATHA LYRICS

सीता श्राप कथा

SITA SHRAP KATHA LYRICS

  • गीत – सीता श्राप कथा भरथरी धुन में
  • स्वर – गीतांजलि साहू
  • गीतकार – हर्ष कुमार बिन्दु
  • संगीत – ओ पी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी गीत
  • लेबल – CG STUDIO CREATION

स्थायी
सुवना रोवत हावै पिंजरा म देखौ पिंजरा म वो
सुवा रोवै बन बन म
सुवना रोवत हावै पिंजरा म देखौ पिंजरा म वो
सुवा रोवै बन बन म
बने बन म वो सुवा उड़त हे वो
सुवा कलपत हे वो
सुवा तरसत हे ना
ये दे जोड़ी ला कोन अलगाए वो, अलगावै वो
सबो जान लौ
ये दे जोड़ी ला कोन अलगाए वो, अलगावै वो
सबो जान लौ

अंतरा 1
अमवा के डारा म बईठे हे जोड़ा सुवा के वो
राम कथा ला सुनावत हे भाई ये दे जी
अमवा के डारा म बईठे हे जोड़ा सुवा के वो
राम कथा ला सुनावत हे भाई ये दे जी
अपन जोड़ी ला वो
अपन सुवा ला ना
सीता जानत हे वो
बोली सुवा के ना
ये दे लाने पकड़ के सुवना ला, देखौ सुवना ला
देखौ जान लो
ये दे लाने पकड़ के सुवना ला, देखौ सुवना ला
देखौ जान लो

अंतरा 2
सोन के पिंजरा म सुवना ला लाके धांधे हे वो
सीता ले सुवना बोलत हावै
सोन के पिंजरा म सुवना ला लाके धांधे हे वो
सीता ले सुवना बोलत हावै
मोला छोड़ दे वो
मोला जान के ना
ये दे रो रो के वो
मैं गरभ म हौ ना
मैं जनम दे के फेर आहूं वो, फेर आहूं वो
सांच मान लौ
मैं जनम दे के फेर आहूं वो, फेर आहूं वो
सांच मान लौ

अंतरा 3
जब मिलही रघुराई हा बोले सुवना ल वो
तभे छोड़ौ तोला पिंजरा ले सीता बोलत हे
जब मिलही रघुराई हा बोले सुवना ल वो
तभे छोड़ौ तोला पिंजरा ले सीता बोलत हे
सुवना बोलत हे वो
सुन ले बिनती ला ना
सुन ले अरजी ला मोर
पईया लागौ मैं ना
नई मानै सिया नई मानै सिया, नई मानै वो
सुनौ जान लौ
नई मानै सिया नई मानै सिया, नई मानै वो
सुनौ जान लौ

अंतरा 4
पिंजरा में सुवना हा तड़पत हे दे श्राप ला वो
मोर जोड़ी ला छोड़ा डारे
पिंजरा में सुवना हा तड़पत हे दे श्राप ला वो
मोर जोड़ी ला छोड़ा डारे
तैं तरस जाबे वो राम बिना तैं ना
मैं सरापत हंव वो
तन ला तियागत हंव ना
अईसे सुवना बोल मर जाथे वो,मर जाथे वो
सुनो जान लौ
अईसे सुवना बोल मर जाथे वो,मर जाथे वो
सुनो जान लौ

अंतरा 5
उही सुवना के जोड़ी हा बने धोबी धोबन
ताना मारे धोबी धोबन ला तैं कहां रेहे
उही सुवना के जोड़ी हा बने धोबी धोबन
ताना मारे धोबी धोबन ला तैं कहां रेहे
मोला शंका हे वो
मैं हा राम नो हंव
तोला छोड़त हंव वो
तैं निकल जाना
अईसे धोबी धोबन ला बोलत हे,अईसे बोलत हे,
सबो जान लौ
अईसे धोबी धोबन ला बोलत हे,अईसे बोलत हे,
सबो जान लौ

अंतरा 6
सुवना श्राप लगिस हे सीता माई ला वो
सीता त्यागे रघुराई हा
सुवना श्राप लगिस हे सीता माई ला वो
सीता त्यागे रघुराई हा
सीता गरभ म वो
रहिथे जंगल म ना
वाल्मिकी घर वो
लव कुश जन्मे हे ना
अईसे कथा सार हे रामायाण म रामायण म
सुनौ जान लौ
अईसे कथा सार हे रामायाण म रामायण म
सुनौ जान लौ
अईसे कथा सार हे रामायाण म रामायण म
सुनौ जान लौ

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