SHAKTI SATI SHIVA JAY
AARTI LYRICS
- गीत – शक्ति सती शिवा जय – आरती
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार – हर्ष कुमार बिन्दु
- संगीत – ओपी देवांगन
- प्रकार – छत्तीसगढ़ी जस गीत
- लेबल – कोक क्रिएशन
शक्ति सति शिवा जय – आरती
शक्ति सती शिवा जय
नव दुर्गा हरि प्रिया जय
शिव महाशक्ति जय जय
दस महाविद्या जय जय
शक्ति सती शिवा जय
नव दुर्गा हरि प्रिया जय
प्रथम महाविद्या काली
कृष्ण वर्ण विकराली
चतुर्भुजा धारी
उग्र रूप को निहारे
भूतनाथ भय खाए
भागे जटा धारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
द्वितीय महाविद्या तारा
नील रूप उग्र तारा
गले मुण्ड माला धारी
शव रूप शिव में राजे
कर में शस्त्र हे साजे
हय ग्रिव संघारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
तृतीय विद्या छिन्नमस्ता
सहचरी जया विजया
द्विभुजा धारी
काटे सिर को स्व के
रक्त पियत हे स्व के
तमरजगुण वारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
चतुर्थ महाविद्या शोडषी
हिरण्यगर्भ शिव शक्ति
पांच मुखो वाली
हरित रक्त मुख नीला
धुम्र रंग और पीला
दसो भुजा धारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
पंचम विद्या भुनेश्वरी
अरूण अंग हे शिवमयी
भक्त अभयकारी
ईश्वरी रात्री कहाए
काल की दात्री कहाए
दुर्गमासुर मारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
षष्ठम विद्या त्रिपुर भैरवी
महात्रिपुर देवी सुन्दरी
कमलासन धारी
योगिनी की देवी कहाई
महिसामार गिराई
रक्तन श्रृंगारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
सप्तम विद्या देवी धूमावती
शिव अर्धांगनी देवी पार्वती
यज्ञ विध्वंसकारी
महादेव को निगले
तन धुम राशी निकले
काक ध्वजा धारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
अष्टम विद्या बगलामुखी
पृथ्वीरूपा देवी शक्ति
पीतवर्णधारी
विष्णु तेज समाए
वैष्णवी आप कहाए
ब्रम्हा ध्यान धारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
नवम महाविद्या मातंगी
राजमातंगी कर्णमातंगी
श्यामल रूप धारी
असुरो को मोहित किन्हे
भक्तो को शुभ फल दिन्हे
माथ चन्द्र धारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
दसम महाविद्या कमला
लक्ष्मी कांति सुवर्णा
हरि वरण धारी
समुद्र मंथन से प्रकटे
कोलासुर वध करने
जग के दुख टारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
दस महाविद्या की आरती
मंगल विश्व हो भारती
जन जन सुख कारी
बिन्दु नयन निहारे
मारू शरण तिहारे
आप शिवा कारी
मैया शक्ति सती शिवा जय
शक्ति सती शिवा जय
नव दुर्गा हरि प्रिया जय
शिव महाशक्ति जय जय
दस महाविद्या जय जय
शक्ति सती शिवा जय
नव दुर्गा हरि प्रिया जय
मैया शक्ति सती शिवा जय
मैया शक्ति सती शिवा जय
मैया शक्ति सती शिवा जय