SHAKAMBHARI DAI LYRICS
DUKALU YADAV JAS GEET LYRICS
- गीत – शाकंभरी दाई
- स्वर – दुकालू यादव
- गीतकार – जयदास मानिकपुरी
- संगीत – दुकालू यादप
- प्रकार – छत्तीसगढ़ी जस गीत
- लेबल – जय दाय मानिकपुरी
स्थायी
ए शाकंभरी वो दाई शाकंभरी
तोर महिमा हावै सबले भारी
शाकंभरी वो दाई शाकंभरी
तोर महिमा हावै सबले भारी
लेके आए दाई अवतार
दानव दुर्गम के करे संघार
लेके आए दाई अवतार
दानव दुर्गम के करे संघार
रहिसे अत्याचारी चारी
शाकंभरी वो दाई शाकंभरी
तोर महिमा हावै सबले भारी
अंतरा 1
सौ सौ बरस ले भुईया पर गे बंजर
दानव पापी मन कर दिस भुईया ला खंडहर
ऋषि मुन मन ला सताए भयंकर
एती ओती भागे सबो जतर खतर
सुने माता सब के गोहार
करे आए सब के उद्धार
सुने माता सब के गोहार
करे आए सब के उद्धार
बघवा के कर के सवारी
शाकंभरी वो दाई शाकंभरी
तोर महिमा हावै सबले भारी
अंतरा 2
सताक्षी रूप म माता तैं हा आए
आँखी ले आँसू अपन बरसाए
जीव जंतु मानव के प्राण बचाए
छलके नंदिया रूख राई हरियाए
भर गे माता खेत अउ खार
भुईया म छागे सुग्घर बहार
भर गे माता खेत अउ खार
भुईया म छागे सुग्घर बहार
चारो कोती हरियाली
शाकंभरी वो दाई शाकंभरी
तोर महिमा हावै सबले भारी
अंतरा 3
अंग अंग म साग सब्जी उपजाए
आनी बानी के फल फुल बरसाए
सब झन के माता तैं भूख मिटाए
शाकंभरी उही दिन ले कहाए
तोला सुमरथे जग संसार
तिही हावस वो सब के आधार
तोला सुमरथे जग संसार
तिही हावस वो सब के आधार
का राजा अउ भिखारी
शाकंभरी वो दाई शाकंभरी
तोर महिमा हावै सबले भारी
अंतरा 3
दुर्गम दानव ला तैं मार गिराए
चारो मुड़ा तोर महिमा दाई छाए
मरार मन के कुल देवी कहाए
छेरछेरा पुन्नी जयंती मनाए
जयदास कोसरिया करे जोहार
देदे माता मया दुलार
जयदास कोसरिया करे जोहार
देदे माता मया दुलार
गिरे हावन वो चरण तरी
शाकंभरी वो दाई शाकंभरी
तोर महिमा हावै सबले भारी
लेके आए दाई अवतार
दानव दुर्गम के करे संघार
लेके आए दाई अवतार
दानव दुर्गम के करे संघार
रहिसे अत्याचारी चारी
शाकंभरी वो दाई शाकंभरी
तोर महिमा हावै सबले भारी
तोर महिमा हावै सबले भारी
तोर महिमा हावै सबले भारी