सतनाम संदेश – कंचन जोशी | Satnam Sandesh Lyrics | Panthi Geet Lyrics

💕 सतनाम संदेश 💕
🌹 Satnam Sandesh Lyrics🌹
🎵 Panthi Geet Lyrics 🎵

  • गीत – सतनाम संदेश
  • स्वर – कंचन जोशी
  • गीतकार – परमेश यादव
  • संगीत – ओपी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी पंथी गीत
  • लेबल – 360India



स्थायी
बसे हे सत म ईश्वर
ईश्वर म सत बसे हे
सत म हावै धरती आगासा
चंदा सुरूज सत माटी के
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे

अंतरा 1
जात पात के अंधियारी म
मन ला काबर ढकेलत हस
ऊंच नीच के नियम बना के
खुद ला पापी बनावत हस
मनखे मनखे एक समान हे
जग म बाबा बगराए हे
मनखे मनखे एक समान हे
जग म बाबा बगराए हे
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे

अंतरा 2
सबो जीव तो एक समान हे
सबो में सत के वासा हे
झन कर तैं बेजुबान के हत्या
ऐही तुहंर ले आशा हे
शाकाहारी करौ भोजन
ऐही गुरू के मान हे
शाकाहारी करौ भोजन
ऐही गुरू के मान हे
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे

अंतरा 3
मन म सत के दीया जला के
तन ला गंगा म नहवा ले
झन कर कोनो अईसे करम गा
जे हर सत ला ठेस पहुंचात हे
लहरावत हे सादा के झंडा
देख सत के जैतखाम में
लहरावत हे सादा के झंडा
देख सत के जैतखाम में
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे

अंतरा 4
खुद ला कमजोर कभू जन मानबे
मानव के आभूषण सत हे
सत के रद्दा भले कठीन के
उही म तरही जिनगी रे
जिनगी म संगी रे धरम कमा ले
बैरी संग मया बढ़ा ले
जिनगी म संगी रे धरम कमा ले
बैरी संग मया बढ़ा ले
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे

बसे हे सत म ईश्वर
ईश्वर म सत बसे हे
सत म हावै धरती आगासा
चंदा सुरूज सत माटी के
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे
मोर बाबा गुरू घासीदास के
मान सतनाम के संदेश रे



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