रण चंडी बने ओ लिरिक्स
Ran Chandi Bane O Lyrics
- गीत : रण चंडी बने ओ
- गायक : दुकालू यादव
- गीतकार : दुकालू यादव
- संगीतकार : दुकालू यादव
- लेबल : केके कैसेट
स्थायी
रण चंडी बने ओ मोर देवी दुरपती
पंडवा ला मारे बर रण चंडी बने
रण चंडी बने ओ मोर देवी दुरपती
पंडवा ला मारे बर रण चंडी बने
हो पंडवा ला मारे बर रण चंडी बने ओ
पंडवा ला मारे बर रण चंडी बने
अंतरा 1
कौरव मन के हितवा बन के जउहर भेख बनाये
जउहर भेख बनाये
यहो अगनी बरोबर आंखी दमके भारी शेष में छाये
भारी शेष में छाये
यहो एक हाथ में खप्पर धर के अगनी ला दहकाये
अगनी ला दहकाये
यहो चुन्दी मुडी छरियाये अउ नव कोस ले जीभ लमाये
नव कोस ले जीभ लमाये
हो पंडवा मन के बैरी बने गा मोर देवी दुरपती
पंडवा ला मारे बर रण चंडी बने
अंतरा 2
जस जस दुरपती आगु रेंगे खप्पर जोत हा जागे
खप्पर जोत हा जागे
यहो वो अगनी के ताप में बन के हिरन मिरगवा भागे
बन के हिरन मिरगवा भागे
यहो कच्चा सुक्खा पान पतेवा होरी सही लेसागे
होरी सही लेसागे
यहो डोंगरी बन खंड तिपन लागे अइसन दावा लागे
अइसन दावा लागे
हो पंडवा मन ला खाहूं बोले गा मोर देवी दुरपती
पंडवा ला मारे बर रण चंडी बने
अंतरा 3
येति ले भीमसेन जाये दुरपती ला लाने बर
दुरपती ला लाने बर
यहो अइसन देवी रूप ला देखत तब बक्खागे ओ हर
तब बक्खागे ओ हर
यहो खप्पर के आगी में लेसावन लागे अंग हा ओकर
लागे अंग हा ओकर
यहो सबो अंग में फोरा पर गे चना अउ बोईर बरोबर
चना अउ बोईर बरोबर
हो जीव के डर में भीमसेन भागे गा मोर देवी दुरपती
पंडवा ला मारे बर रण चंडी बने
अंतरा 4
भीमसेन ला जब भागत देख के दुरपती लहूट के आगे
दुरपती लहूट के आगे
यहो धन धन धन गोहरावन लागे कौरव मन सुख पागे
कौरव मन सुख पागे
यहो बड बिचित्तर ये लीला हे सुन के अचरित लागे
सुन के अचरित लागे
यहो प्रेम कथे कोनो भेद बतावव सुन के भरम हा भागे
सुन के भरम हा भागे
हो पंडवा मन ला ओ हा तियागे गा मोर देवी दुरपती
पंडवा ला मारे बर रण चंडी बने