पावन सावन
| PAVAN SAVAN LYRICS |
CG SHIV BHAJAN LYRICS
- गीत – पावन सावन
- स्वर – दुकालू यादव
- गीतकार – तारा गुरूजी
- संगीत – सौरभ महतो
- प्रकार – छत्तीसगढ़ी शिव भजन
- लेबल – अभिषेक मूजिव वर्ड
स्थायी
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
हो त्रिसुल के नोक म बसे कासी विश्वनाथ के
त्रिसुल के नोक म बसे कासी विश्वनाथ के
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
अंतरा 1
सनन सनन चले पुरवईया बिजुरी चमकत जाए
बिजुरी चमकत जाए
करिया करिया छाए बदरिया बुंदिया नाचत आए
बुंदिया नाचत आए
हो सांसा म तैं धर लेबे अवघट नाथ के
हो सांसा म तैं धर लेबे अवघट नाथ के
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
अंतरा 2
चले कांवरिया शिव के दुवरिया बम बम नारा लगाए
बम बम नारा लगाए
शिव नाम के छांव अमरईया दुख ला तोर भगाए
दुख ला तोर भगाए
हो तोर नाव के जटा जुट ला मुड़ म राखेंव गाथ के
हो तोर नाव के जटा जुट ला मुड़ म राखेंव गाथ के
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
अंतरा 3
धर ले गंगा जल अउ बेल पतिया चाउर चंदन चढ़ाए
चाउर चंदन चढ़ाए
हर म हर ला जान जनईया कोठी तोर भराए
कोठी तोर भराए
हो हाथा देबे मोर माथ के चिनहा दे तोर हाथ के
हो हाथा देबे मोर माथ के चिनहा दे तोर हाथ के
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
अंतरा 4
दुनिया भर वो जहर पियईया नीलकंठ वो कहाए
नीलकंठ वो कहाए
तांडव नाच के वो नचईया सरी जगत ला नचाए
सरी जगत ला नचाए
हो शिव पुजारी कोसरिया तारा रघुनाथ के
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
हो त्रिसुल के नोक म बसे कासी विश्वनाथ के
त्रिसुल के नोक म बसे कासी विश्वनाथ के
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन ऐदे पावन
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के
मन भावन पावन सावन भोले नाथ के