मोर टूटहा डोंगा राम
MOR TUTHA DONGA RAM LYRICS
गुहा निषादराज जयंती
- गीत : मोर टूटहा डोंगा राम
- गायक : कान्तिकार्तिक यादव
- गीतकार : मौनी लाला
- संगीतकार : ओ.पी. देवांगन
मोर टूटहा डोंगा राम रोजी दई जाथे
मोर काठ के डोंगा राम रोजी दई जाथे
पांव परे ले नारी बन जाही रोजी रोटी हर मोर गंवाही
पांव परे ले नारी बन जाही रोजी रोटी हर मोर गंवाही
कईसे चघावव राम रोजी दई जाथे
अंतरा 1
करम योग के बंधना मा बंध के केंवट के कुल पाये हौ
गंगा मैया के तीर मा मै हा बासा ला अपन बसाये हौ
ऐ पार ले ओ पार ना जीव जति नहकाये हौ
इही रोजी ले परिवार के गुजारा मै हा चलाये हौ
सुन डारेव हौ तोर चरित्तर लागे मोला बडा़ बिचित्तर
सुन डारेव हौ तोर चरित्तर लागे मोला बडा़ बिचित्तर
हावै धनमनाये रोजी दई जाथे
मोर टूटहा डोंगा राम रोजी दे जाथे
मोर काठ के डोंगा राम रोजी दई जाथे
अंतरा 2
राम कहे तै भृगु ऋषि अस केंवट जनम ला पाये हस
हिरदय मा मोर भगती भाव ला देखत मन उमछाये हस
मोर पिरित के बंधना मा बंध के गस गस ले गसियाये हस
जईस करना हे कर ले आज तै नई होवौ गा मै टस मस
बंधना मा बंधाये हौ गा निषाद पुरब जनम के कर ले हिसाब
बंधना बंधाये हौ गा निषाद पुरब जनम के कर ले हिसाब
ले जा गंगा ओ पार तोर करम धोवाथे
मोर टूटहा डोंगा राम रोजी दे जाथे
मोर काठ के डोंगा राम रोजी दई जाथे
अंतरा 3
आज मै पांव पखारहू भगवन कठौता लानेव बाई
अवध के दशरथ नंदन इही ये इही हरे रघुराई
कुटुम कबिला के संग मा देखव पांव आज पखराई
गंगा अपन भाग सहराथे केंवट देवै दुहाई
राम सीया लखन पघराथे गंगा के लहरा राम दोहराथे
भाग अपन सहराथे रोजी दई जाथे
मोर टूटहा डोंगा राम रोजी दई जाथे
मोर काठ के डोंगा राम रोजी दई जाथे
अंतरा 4
जीवन के सपना ला मै हा सिरतोन कर डारेव
जगत के पालन हारी ला मै गंगा नहका डारेव
राम कहे का बनि मै देवौ उतराई गुन डारेव
सिया के मुंदरी ला रख ले सुग्घर बनी बर भार मै डारेव
कान्तिकार्तिक कथा सुनाथे राम के भगती मा मन ला रमाथे
मौनी लाला गोहराथे तोर किरपा पाथे
तोर भगती मा श्री राम भव पार हो जाथे
तोर भगती मा श्री राम जीवन तर जाथे