माटी के रखवारी चाही – कांतिकार्तिक यादव | MATI KE RAKHWAR CHAHI LYRICS | CG DESH BHAKTI GEET LYRICS

💕 माटी के रखवारी चाही 💕
🌹 MATI KE RAKHWAR CHAHI LYRICS🌹
🎵 CG DESH BHAKTI GEET LYRICS 🎵
  • गीत – माटी के रखवारी चाही
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – ईश्वर साहू ‘बंधी’
  • संगीत – ओपी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी गीत
  • लेबल – कोक क्रिएशन

 

स्थायी
मोला सुनता अउ सुमत ले सुविचार चाही जी
मोला सुनता अउ सुमत ले सुविचार चाही जी
ए माटी के जतन करईया
ये समाज ल बने गढ़हइया
धरती के रखवार चाही जी
माटी के रखवार चाही जी

मोला सुनता अउ सुमत ले सुविचार चाही जी
मोला सुनता अउ सुमत ले सुविचार चाही जी
ए माटी के जतन करईया
ये समाज ल बने गढ़हईया
धरती के रखवार चाही जी
माटी के रखवार चाही जी

अंतरा 1
पुरखा के बटोरे सबो संस्कृति के मान लावै
छरियाए माटी ला गढ़ के सुग्घर पहिचान लावै
पबरित माटी ल जनावै फेर जग म धान कटोरा
धरती मा के महिमा गावै बईठार के आरूग चौरा

मोला अईसन मीत मितवा हितवार चाही जी
मोला अईसन मीत मितवा हितवार चाही जी
ए माटी के जतन करईया
ए समाज ला बने गढ़हईया
धरती के रखवार चाही जी
माटी के रखवार चाही जी

अंतरा 2
राजनीति राज धरम ला नीत नीत नियाव म धारे
भ्रष्टाचारी काला धन ला जर ले उखान बिदारे
देश के सेवा परहित जिनगी के सांस खपत ले
देश ला संवार के जाहूं अंतस ले इही सपथ ले

मोला अईसन राज परजा सरकार चाही जी
मोला अईसन राज परजा सरकार चाही जी
ए माटी के जनत करईया
ए समाज ला बने गढ़हईया
धरती के रखवार चाही जी
माटी के रखवार चाही जी

अंतरा 3
पांव काटा गड़ही तभो ले बिपदा ला रउंदत रेंगै
अड़े रहै सत मारग म बने गिनहा सउहत देखै
धरम अउ करम ला मानै पुरूषारथ करै करावै
दाई ददा सत सियान के मान करके गरब ला पावै

मोला अइसन बेटी बेटा परिवार चाही जी
मोला अइसन बेटी बेटा परिवार चाही जी
ए माटी के जनत करईया
ए समाज ला बने गढ़हईया
धरती के रखवार चाही जी
माटी के रखवार चाही जी

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