मन्नत के धागा
Mannat Ke Dhaga Lyrics
- गीत – मन्नत के धागा
- स्वर – दिलजान, भूमिका यदू
- गीतकार – दिलजान
- म्यूजिक – दिलजान
- लेबल – दिलजान प्राडोक्शन
स्थायी
नाम तोरे पिरो के धागा बांधौ कोई
जिनगी भर निभ सके वो साथ मांगौ कोई
बन जाबे तैं धागा मैं तारा कोई
आसमा में बिखरे सितारा कोई
टूट जाहूं मैं एक हांसी म तोरे
अईसे तोरे तारा बन जाहूं मैं हा
मन्नत के कोनो धागा बन जाहूं मैं हा रे
अंतरा 1
नई मानौ मैं हा कोना ला तो
कोनो अईसे रिवाज
नई मानौ मैं हा कोना ला तो
कोनो अईसे रिवाज
नई बांधे हंव कोनो धागा
ना कोनो फकिर के बात
जी उठे अईसे दुआ में वो हाथ बनौ
तैं पीर कोनो त दवा मैं बनौ
मिल जावौ एक लहरा म तोरे
अईसे कोनो किनारा
बन जाहूं मैं हा रे
मन्नत के कोनो धागा
बन जाहूं मैं हा रे
अंतरा 2
शाम कोई बन के दुहूं
मैं तोला सुकुन के सांस
शाम कोई बन के दुहूं
मैं तोला सुकुन के सांस
मन ला जे मोहे बन जाहूं कोनो
मैं हा अईसे रात
का होही जे दुनिया में मैं न रहौ
तोर गोद म सर रख के सुकुन से मरौ
टूट जाहूं एक हांसी म तोरे
अईसे कोनो तारा बन जाहूं मैं हा
मन्नत के कोनो धागा बन जाहूं मैं हा रे
नाम तोरे पिरो के धागा बांधव कोई
जिनगी भर निभ सके वो साथ मांगौ कोई
नाम तोरे पिरो के धागा बांधव कोई
जिनगी भर निभ सके वो साथ मांगौ कोई
बंध जाहूं एक ख्वाहिश म तोरे
अईसे कोनो तारा बन जाहूं मैं हा रे
मन्नत के कोनो धागा बन जाहूं मैं रे
बन जाहूं मैं रे बन जाहूं मैं रे बन जाहूं मैं रे