मन शीतल कर शिव शंकर – कांतिकार्तिक | MAN SHEETAL KAR SHIV SHANKAR LYRICS

💕 मन शीतल कर शिव शंकर 💕
🌹 MAN SHEETAL KAR SHIV SHANKAR LYRICS🌹
🎵 CG SHIV BHAJAN LYRICS 🎵
  • गीत – मन शीतल कर शिव शंकर
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – कांतिकार्तिक यादव
  • संगीत – ओपी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी शिव भजन
  • लेबल – कोक क्रिएशन
  • रिकार्डिंग – रागदीप स्टूडियों

स्थायी
मन शीतल कर हे शिव शंकर
गंगा जल तोला चढ़ाहूं
गंगा जल तोला चढ़ाहूं
जानत हंव तीही गंगाधर
फेर भाव के गंगा बोहाहूं
फेर भगती के गंगा बोहाहूं

तैं बैरागी महा तियागी
तैं बैरागी महा तियागी
तोर शरण म मुक्ति पाहूं

अंतरा 1
मन के मत म रेंगेव मन भर,
मन हा मताईस जिनगी भर
भटकत भटकत तोरे शरण म,
पहूंचेंव भोला शिव शंकर

हो मन हो जाथे जईसे शीतल,
बर के छांव म राही के
मुक्ति दे प्रभु भव बंधना ले,
बंधना टोर आवा जाही के

ओम नमो शिवाय जपो मैं
ओम नमो शिवाय जपो मैं
चरण के धूल बन जाहूं

अंतरा 2
भस्म रमा के तन म तैं हर,
मुक्ति के भेद बताए हस
जनम मरम दुनो हे पबरित,
जग ला तीही सिखाए हस

हो भागीरथी के तप ला बाबा
अपन जटा के दे आधार
कांतिकार्तिक मुक्ति खोजै
कईसे होही भवसागर पार

तैं सागर मैं भटकत नंदिया
तैं सागर मैं भटकत नंदिया
होके विलिन हरषाहूं

जानत हंव तीही गंगाधर
फेर भाव के गंगा बोहाहूं
फेर भगती के गंगा बोहाहूं

तैं बैरागी महा तियागी
तैं बैरागी महा तियागी
तोर शरण म मुक्ति पाहूं

मन शीतल कर हे शिव शंकर
गंगा जल तोला चढ़ाहूं
गंगा जल तोला चढ़ाहूं
गंगा जल तोला चढ़ाहूं
गंगा जल तोला चढ़ाहूं

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