कोन रंग हरे तोर पिरीत के
Kon Rang Hare Tor Pirit Ke Lyrics
Kantikartik Yadav Holi Geet Lyrics
- गीत – कोन रंग हरे तोर पिरीत के
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार – गुरूदेव मौनी लाला जी
- संगीत – ओपी देवांगन
- म्यूजिक लेबल – कोक क्रिएशन
स्थायी
छतरंगिया कोन रंग हरे तोर पिरीत के
छतरंगिया कोन रंग हरे तोर पिरीत के
नजर के इशारा म आबे कहे पारा म
नजर के इशारा म आबे कहे पारा म
काबर रेंगे रंग छीत के
काबर रेंगे रंग छीत के
अंतरा 1
का मोहनी तैं डारे मोहन
मन बैरी होगे गा पियासा
आशा मोरे मन म रहिगे
कब तैं पुराबे मोर आशा
खेले बर पासा मैं हर बिसायेंव
टूट गे जईसे के काशा
साजे हंव सोला मैं हर सिंगारे
कहां हावस मोर राजा
पिरीत के गघरी म बसरी के सुरती म
पिरीत के गघरी म बसरी के सुरती म
खईरपा ला आयें हावव खींच के
खईरपा ला आयें हावव खींच के
अंतरा 2
निछमल बगरे हावै चंदैनी
पुन्नी के हावै रे रतिहा
अइसे का रंग ला तैं हा मोला डारे
मन हा तलपे रे रसिया
नजरे नजर म झूलै तोर हंसना
कहा हावस छतरंगिया
कउन सउत तोला हावै बिलमाए
आना आना गा परबुधिया
रंग जाबो रंग म बतियाबो संग म
रंग जाबो रंग म बतियाबो संग म
साट लेबे मन ला आना बईठ के
साट लेबे मन ला आना बईठ के
अंतरा 3
मन रसिया तउरे अउ बिक्कट तलपे
जईसे के जोड़ी जहूंरिया
मन के सुरदम के मया के सुर म
लोरघावत ताके रे नजरिया
राधा अउ किसन अस चल ना दुनो रहिबो
बल जाहूं लेवत बलईया
कांतिकार्तिक हा रही गवाही
फागुन म फाग गवईया
मौनी लाला के संग मया के हावै रंग
खेल खेले हावै हार जीत के
इही रंग हावै मोर पिरीत के
नजर के इशारा मा आबे कहै पारा म
नजर के इशारा मा आबे कहै पारा म
काबर रेंगे रंग छीत के
काबर रेंगे रंग छीत के
छतरंगिया कोन रंग हरे तोर पिरीत के
छतरंगिया कोन रंग हरे तोर पिरीत के