कब उड़ जाही – दुकालू यादव | KAB UD JAHI LYRICS | DUKALU YADAV CG SONG

कब उड़ जाही

KAB UD JAHI LYRICS

DUKALU YADAV CG SONG

  • गीत – कब उड़ जाही
  • स्वर – दुकालू यादव
  • गीतकार – हर्ष कुमार बिन्दु
  • संगीत – ओ पी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी गीत
  • लेबल – 360INDIA

स्थायी
कब उड़ जाही कले चुप जाही
ये काया के सुवना रे
कोनो जान नई पाही
कोनो जान नई पाही पाही
जर जर परे तन भुवना रे
जर जर परे तन भुवना रे

अंतरा 1
पाना झरथे फूलवा झरथे
फल पाके गिर जाथे
नंदिया नरवा झरना लबाबल
एक दिन वहू रित जाथे
हांस ले मौका नई आही
हांस ले मौका नई आही आही
फेर दिखे रोवासी मोहना रे
फेर दिखे रोवासी मोहना रे
हो ये काया के सुवना रे

अंतरा 2
एके जईसे नई रहै बेरा
कोन जनी कब कहां बसेरा
सब मीट जाही सब छूट जाही
हंसा उड़ाही कोन बेरा
मया बंधना हा छूट जाही
मया बंधना हा छूट जाही जाही
इही सांच सुन मैना रे
इही सांच सुन मैना रे
हो ये काया के सुवना रे

अंतरा 3
अईसे करनी कर के जातै
सुरता करे तोर सब झन
इही जिनगी के सार कोसरिया
कर ले हरि के तैं भजन
बिन्दु रद्दा ला बताही
बिन्दु रद्दा ला बताही बताही
मीठ मीठ बोले वो बैना रे
मीठ मीठ बोले वो बैना रे

कब उड़ जाही कले चुप जाही
ये काया के सुवना रे
कोनो जान नई पाही
कोनो जान नई पाही पाही
जर जर परे तन भुवना रे
जर जर परे तन भुवना रे
कब उड़ जाही कले चुप जाही
ये काया के सुवना रे
ये काया के सुवना रे

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