जाति पाती के भेद ल मिटाए – दिलीप षडंगी | Jati Pati Ke Bhed La Mitaye Lyrics | Dilip Shadangi Panthi Geet Lyrics

❇️ जाति पाती के भेद ल मिटाए  ❇️

✴️ Jati Pati Ke Bhed La Mitaye Lyrics ✴️

🌿 Dilip Shadangi Panthi Geet Lyrics 🌿

 

  • गीत – जाति पाती के भेद ल मिटाए
  • स्वर – दिलीप षडंगी
  • गीतकार – शिव प्रसाद पाटले
  • संगीतकार – दिलीप षडंगी
  • छत्तीसगढी पंथी गीत
  • लेबल – SB Music Korba

स्थायी

जाति पाती के भेद ला मिटाए हो गुरू बाबा

देश म झंड़ा फहराए

जाति पाती के भेद ला मिटाए हो गुरू बाबा

देश म झंड़ा फहराए

 

अंतरा 1

सत के झंडा हा आकास फहरावत हे

नाम के झंडा हमर देश लहरावत हे

ज्ञान के झंडा घरो घर लगा के

मनु मनु के भेद ला मिटाए 

हो गुरू बाबा देश म झंडा फहराए

जाति पाती के भेद ला मिटाए हो गुरू बाबा

देश म झंड़ा फहराए

 

अंतरा 2

सत के गंगा म तैं सबो ल नहवाए

दुख ल सहे बाबा सुख बरसाए

बांटत ज्ञान गुरू गांव बनाए

हासै तोला अउ ढोंगिया बताए

हो गुरू बाबा देश म झंडा फहराए

जाति पाती के भेद ला मिटाए हो गुरू बाबा

देश म झंड़ा फहराए

 

अंतरा 3

सत के खोजी तोर नाम हा धराए

गांव गिरौद ल तैं आसन बनाए

औरा धौरा पेड़ तरि धूनि ल रमा के 

सत के महिमा जग म तैं गाए

हो गुरू बाबा देश म झंडा फहराए

जाति पाती के भेद ला मिटाए हो गुरू बाबा

देश म झंड़ा फहराए

जाति पाती के भेद ला मिटाए हो गुरू बाबा

देश म झंड़ा फहराए

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