- गीत : होवत हे तोर बिदाई
- गायक : कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार : परमानंद कठोलिया
- संगीतकार : ओ. पी. देवांगन
- लेबल : कोक क्रिएशन
स्थायी
माया ला मोहनी खवा
के ठग डारे दुर्गा दाई
माया ला मोहनी खवा के
ठग डारे दुर्गा दाई
रोवंव गोहाराव दुर्गा दाई
तोला पुकारंव हे महामाई
होवत हे तोर बिदाई
ठग डारे दुर्गा दाई
अंतरा 1
मोहनी मूरतिया नव दिन रतिहा
मन मंदिर म बसाऐ हौं
तोर अचरा के छंईहा पायेव
मोह माया म रसाऐ हौं
मोहनी मूरतिया नव दिन रतिहा
मन मंदिर म बसाऐ हौं
तोर अचरा के छंईहा पायेव
मोह माया म रसाऐ हौं
आठे के अठवाही चघत
आठे के अठवाही चघत
बरन कुम्भलाई
ठग डारे दुर्गा दाई
अंतरा 2
मन मेवा अंतस म कलेवा
भोग बर जोरन जोरे हंव
भगती भाव के गहना गुरिया म
करेंव सिंगारी तोरे हंव
मन मेवा अंतस म कलेवा
भोग बर जोरन जोरे हंव
भगती भाव के गहना गुरिया म
करेंव सिंगारी तोरे हंव
अंतस हिरदय ले सरबस माता
अंतस हिरदय ले सरबस माता
करौं पहूनाई
ठग डारे दुर्गा दाई
अंतरा 3
दुनो पसर के आरती जोरंव
हे जगजननी भारती
तरिया पार म कलप कलप के
करंव मैं तोरे आरती
दुनो पसर के आरती जोरंव
हे जगजननी भारती
तरिया पार म कलप कलप के
करंव मैं तोरे आरती
अब के बिछड़े बछार भर में
अब के बिछड़े बछार भर में
फेर आबे महामाई
ठग डारे दुर्गा दाई
अंतरा 4
जाती बिराती सुन्ना लागे
कोन्हो नई आरो पावत हे
कांतिकार्तिक रोवन लागे
आंसू नई तो थिरावत हे
जाती बिराती सुन्ना लागे
कोन्हो नई आरो पावत हे
कांतिकार्तिक रोवन लागे
आंसू नई तो थिरावत हे
परमानंद कठोलिया कहत हे
परमानंद कठोलिया कहत हे
होवत हे जुदाई
ठग डारे दुर्गा दाई
रोवंव गोहाराव दुर्गा दाई
तोला पुकारंव हे महामाई
होवत हे तोर बिदाई
ठग डारे दुर्गा दाई