💕 गणपति ला कहिथे संगी 💕
🌹 GANPATI LA KAHITHE SANGI LYRICS🌹
🎵 CG GANESH BHAJAN LYRICS 🎵
- गीत – गणपति ला कहिथे संगी
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार – तीरथ यादव
- संगीत – ओ पी देवांगन
- प्रकार – छत्तीसगढ़ी गणेश भजन
- लेबल – कोक क्रिएशन
स्थायी
यहो गणपति ला कहिथे संगी
विघ्न के वो टरईया हे
यहो गणपति ला कहिथे संगी
विघ्न के वो टरईया हे
दुख के वो हा हरईया हे
दुख के वो हा हरईया हे
यहो गणपति
अंतरा 1
परगट होथे बेरा बेरा म
सब के लाज बचईया हे
ब्रम्हा विष्ण शंकर भोला
जम्मो तोला मनईया हे
शक्ति भवानी जग महारानी
शक्ति भवानी
शक्ति भवानी जग महारानी
गौरी दाई ओखर मईया हे
यहो गणपति
अंतरा 2
आनी बानी के लीला रचाए
सुग्घर नाव धराए हो
परशुराम संग युद्ध मचाके
एकदंत तैं कहाए हो
तारकासुर के नाश करईया
तारकासुर के
तारकासुर के नाश करईया
कार्तिकेय तोर भैया हे
यहो गणपति
अंतरा 3
गौरी माई के हाथ के मोदक
खाए बर शरत लगाए हे
दाई ददा के मान ला कर के
पहली पूजा ला पाए हे
रिद्धि सिद्धि के दाता गणेशा
रिद्धि सिद्धि के
रिद्धि सिद्धि के स्वामी गणेशा
बुद्धि के वो देवईया हे
अंतरा 4
महाभारत ला कोन हा लिखतिस
कोन हा काम बनईया हे
वेद व्यास जी कथ कहत हे
गणपति ओला लिखईया हे
बंदत हावै तुलसीदास हर
बंदत हावै
बंदत हावै तुलसीदास हर
जम्मो विनय करईया हे
ये हो गणपति
अंतरा 5
बानलासुर ला क्रोध में आ के
सउहत तैं लिल डारे हो
पेट भीतरी म आगी सुलगगे
कोन हा तोला उबारे हो
कश्यप ऋषि हा दुबी ल दे के
कश्यप ऋषि हा
कश्यप ऋषि हा दुबी ल दे के
यहो गणपति
अंतरा 6
नाग लोक म वासुकी नाग ला
बने तैं मजा चघाए हो
राजा बन के तैं पाताल के
शेष नाग ला झूकाए हो
कांति तीरथ के पार लगईया
कांति तीरथ के
कांति तीरथ के पार लगईया
यहो गणपति
दुख के ओ हा हरईया हे
दुख के ओ हा हरईया हे
यहो गणपति
यहो गणपति ला कहिथे संगी
विघ्न के वो टरईया हे
यहो गणपति ला कहिथे संगी
विघ्न के वो टरईया हे