Ekke Jhan Akella Chale Lyrics
Kantikartik Yadav Panthi Geet lyrics
- गीत – एक्के झन अकेल्ला चले
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव
- गीत – मिलन मलरिहा
- संगीत – ओ पी देवांगन
- लेबल – KOK Creation
स्थायी
ऐक्के झन अकेल्ला डोंगरी ले ओ हा चले
गिरौद के माटी ले सतनाम ल वो गढ़े
ऐक्के झन अकेल्ला डोंगरी ले ओ हा चले
गिरौद के माटी ले सतनाम ल वो गढ़े
कतको आईस कतको गईस ये सारा संसारे
कतको आईस कतको गईस ये सारा संसारे
बाबा घासी सही कहां पाबे गुरू जी हमारे
ऐक्के झन अकेल्ला डोंगरी ले ओ हा चले
अंतरा 1
मनखे मनखे एक हे भेद कहां परे
पथरा के मूरत ले दूरिहा वो खड़े
हाथ म हे खुद के जी करम के जी लेखा
झन आबे तैं हा बाबू आन के सरेखा
ऐक्के झन अकेल्ला डोंगरी ले ओ हा चले
गिरौद के माटी ले सतनाम ल वो गढ़े
अंतरा 2
मानबे झन तैं हा धरम आनी बानी
देख के तैं हा रूक जाबे ओखर मनमानी
मानवता के खुशी म भले शामिल होबे
हिरदय म तैं समाबे सतनाम के कहानी
ऐक्के झन अकेल्ला डोंगरी ले ओ हा चले
गिरौद के माटी ले सतनाम ल वो गढ़े
अंतरा 3
चिंतन अउ विचार कर ले ज्ञान तो अपार हे
अंधियारी ल उजियार कर ले सत्यनाम सार हे
भेद भाव कहां पाबे जंगल झाड़ी पहर
प्यास ला बूझाईस सत के नंदिया नहर
ऐक्के झन अकेल्ला डोंगरी ले ओ हा चले
गिरौद के माटी ले सतनाम ल वो गढ़े
कतको आईस कतको गईस ये सारा संसारे
कतको आईस कतको गईस ये सारा संसारे
बाबा घासी सही कहां पाबे गुरू जी हमारे
ऐक्के झन अकेल्ला डोंगरी ले ओ हा चले