🌷एक पतरी रैनी बैनी – पारंपरिक गीत 🌷
🌺Ek Patri Raini Baini Lyrics🌺
गीत : एक पतरी रैनी बैनी
गायिका : गीतांजलि साहू
गीतकार : पारंपरिक गीत
संगीतकार : ओपी देवांगन
लेबल : 360 Chhattisgarhi
एक पतरी रैनी बैरी राय रतन वो
दुर्गा देवी तोरे शीतल छांव चौकी चंदन
पिढूली गौरी के हाथे मान जईसे गौरी वो
मान तुम्हारे कईसे करौं असनान कोड़वा आसन
डोहड़ी परव छछलगे डार पान ला खाथे वो
फूले पहिरथे खेले सगरी के पार
तीन पतरी रैनी बैनी रायरतन वो
दुर्गा देवी तोरे शीतल छांव चौकी चंदन
पिढूली गौरी के होथे मान जईसे गौरी वो
मान तुम्हारे कईसे करौं असनान कोड़वा आसन
डोहड़ी परव छछलगे डार पान ला खाथे वो
फूले पहिरथे खेले सगरी के पार
पांच पतरी रैनी बैनी राय रतन वो
दुर्गा देवी तोरे शीतल छांव चौकी चंदन
पिढूली गौरी के होथे मान जईसे गौरी वो
मान तुम्हारे कईसे करौं असनान कोड़वा आसन
डोहड़ी परव छछलगे डार पान ला खाथे वो
फूले पहिरथे खेले सगरी के पार
सात पतरी रैनी बैनी राय रतन वो
दुर्गा देवी तोरे शीतल छांव चौकी चंदन
पिढूली गौरी के होथे मान जईसे गौरी वो
मान तुम्हारे कईसे करौं असनान कोड़वा आसन
डोहड़ी परव छछलगे डार पान ला खाथे वो
फूले पहिरथे खेले सगरी के पार