दिखे समधीन के मुहुरन – भड़ौनी गीत | Dikhe Samdhin Ke Muhuran Lyrics | Bhadauni Geet Lyrics

 दिखे समधीन के मुहुरन – भड़ौनी गीत
Dikhe Samdhin Ke Muhuran Lyrics
 Bhadauni Geet Lyrics
  • गीत – दिखे समधीन के मुहुरन
  • स्वर – गरिमा दिवाकर, दुकालू यादव
  • एल्बम – पाणि ग्रहण
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी विवाह गीत
  • भड़ौनी गीत
  • लेबल – केके कैसेट



स्थायी

दिखे समधी के मुहुरन अईसे पिचके

जईसे गरती रे आमा ला कोनो चुहुके

सगा समधिन के लुगरा के बांधे पागा

ज्यादा डेरवाथे समधिन तोला का गा

 

अब डर नई हे 

अब डर नई हे 

अब डर नई हे समधी 

तै खा ले बने गा

बने आसन जमा के 

हाथ गोड़ ल लमा के 

हमर पहरो म गा

 

अंतरा 1

घी बिना मैं घर म मैं खावौ नही वो

बिना पापड़ बिजौरी हाथ उठावौ नही वो

ए खाथे अईसन जेवन मोर छेरी पटरू

खाथे बरा अउ सोहारी हमर गाय बछरू

 

का भरोषा नई हे

का भरोषा नई हे

का भरोषा नई हे समधिन त चल संग म वो

तैं आँखी म देख लेबे 

तैं खुदे सरेख लेबे तब पतियाबे वो

 

अंतरा 2

लागे ढेड़हा हा गजब भूखाए हे वो

ऐ हा के महिना ले नई खाए हे वो

खाए गपर गपर तीरे सपड़ सपड़

सखी कड़ही म मेछा सनाए हे वो

 

एखर पतरी म एखर दोना म

एखर पतरी अउ दोना म पेट नई भरे

तैं हा कोटना म खा ले सगा बांगा म पी ले 

हमर पहरो म गा 

तैं हा कोटना म खा ले सगा बांगा म पी ले 

सगा मन भर के गा

 

अंतरा 3

अरे चार गांव के समधिन मैं माल गुजार वो

गिनती म गिनावै नही मोर खेती खार वो

समझे समधिन

जीथे तीन कोरी नौकर मोरे करा

तैं हा मोला का खवाबे सोहारी बरा

 

चल चल सगा, चल चल सगा

चल चल सगा मोरे संगे म तैं हां वो

गाड़ी मोटर चघाहूं रंग रंग के खवाहूं

समधिन तोला वो

तैं आँखी म देख लेबे 

तैं खुदे सरेख लेबे तब पतियाबे वो

 

ऐ हे 

अरे लजा गे रे समधिन हा मोर

ए समधिन…………..



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