- गीत – बेसुरहा के गोहार
- स्वर – दास मनोहर
- गीतकार – दास मनोहर
- संगीतकार – पुष्पेन्द्र
- छत्तीसगढ़ी पंथी गीत
- लेबल – मंडल म्यूजिक
स्थायी
ए सत के जपईया गुरू लागव तोर पईया
ए सत के जपईया बाबा लागव तोर पईया
बिगड़ी ला मोर बना देना हो
भाग ला मोरो चला देना हो
ए दुनिया में नाम चला देना हो
भाग ला मोरो चला देना हो
ए दुनिया में नाम चला देना हो
ए सत के जपईया गुरू लागव तोर पईया
अंतरा 1
अलगे हे सुर मोर अलगे हे ताल
का करौ बाबा मोला आवत हे रोवासी
कहिके बेसुरहा अउ बेताला
संगी साथी मन उड़ावत हे हांसी
आ के कंठ म बिराज सुग्घर देई दे आवाज
सुर ल मोर सजा देना हो
भाग ला मोरो जगा देना हो
ए दुनिया म नाम चला देना हो
भाग ला मोरो जगा देना हो
ए दुनिया म नाम चला देना हो
ए सत के जपईया गुरू लागव तोर पईया
अंतरा 2
जेखर उपर बरसे तोर किरपा
हावै ऐ दुनिया म वो तो अबड़ भागी
तोरे आसरा बाबा तोर किरपा
जीत जातेंव महूं बाबा हारे हर बाजी
बंदव दास मनोहर गुरू मोर उपर
अब तो दया देखा देना हो
भाग ला मोरो जगा देना हो
ए दुनिया म नाम चला देना हो
भाग ला मोरो जगा देना हो
ए दुनिया म नाम चला देना हो
भाग ला मोरो जगा देना हो
ए दुनिया म नाम चला देना हो
भाग ला मोरो जगा देना हो
ए दुनिया म नाम चला देना हो