- गीत – बन के दुलहनिया तैं मोर घर आबे
- स्वर – गोफेलाल गेंदले, सावित्री गेंदले
- गीतकार – गोफेलाल गेंदले
- संगीत – गोफेलाल गेंदले
- लेबल – केके कैसेट
स्थायी
बन के दुलहनिया तैं मोर घर आबे
बन के दुलहनिया तैं मोर घर आबे
नवा जिनगी वो तैं मोर बसाबे
नवा जिनगी वो तैं मोर बसाबे
बन के दुलहनिया मैं तोर घर आहूं
बन के दुलहनिया मैं तोर घर आहूं
नवा जिनगी गा तोर संग बसाहूं
नवा जिनगी गा तोर संग बसाहूं
अंतरा 1
रात दिन तोर सुरता
ए जिनगी हे तोर पुरता
तोला नई पाहूं मैं मर जाहूं
हो जाही जिनगी मोर मुरदा
रात दिन तोर सुरता
ए जिनगी हे तोर पुरता
तोला नई पाहूं मैं मर जाहूं
हो जाही जिनगी मोर मुरदा
तोर मया के मोला पानी पियाबे
तोर मया के मोला पानी पियाबे
नवा जिनगी वो तैं मोर बसाबे
नवा जिनगी वो तैं मोर बसाबे
अंतरा 2
मया के एकठन कुरिया बसाबो
रहिबो पिरीत के छांव म
प्रेम डगर के रसदा म दुनो
पहली रखबो पांव ला
मया के एकठन कुरिया बसाबो
रहिबो पिरीत के छांव म
प्रेम डगर के रसदा म दुनो
पहली रखबो पांव ला
ए दुनिया म एक दीप जलाबो
ए दुनिया म एक दीप जलाबो
नवा जिनगी गा हम संग बिताबो
नवा जिनगी गा हम संग बिताबो
बन के दुलहनिया तैं मोर घर आबे
बन के दुलहनिया तैं मोर घर आबे
नवा जिनगी वो तैं मोर बसाबे
नवा जिनगी गा हम संग बिताबो
नवा जिनगी वो तैं मोर बसाबे
नवा जिनगी गा हम संग बिताबो