- गीत – बाबा के चरण म
- स्वर – सामें शस्त्री देवी, रामनिहोरे टोन्डर
- लेबल – केके कैसेट
स्थायी
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
देवता धामी गुण ला गाए
राजा रंक अविनाशी
देवता धामी गुण ला गाए
राजा रंक अविनाशी
तन ला तपाए जेहा साधू अउ संन्यासी
माया छोड़ के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
अंतरा 1
शंकर घलो बईठे बईठे जपीस सत्यनामा
पार्वती हा पूछे भोला मुक्ति होही कामा
शंकर घलो बईठे बईठे जपीस सत्यनामा
पार्वती हा पूछे भोला मुक्ति होही कामा
उही पुरस के अमर नामा सुनाईस पार्वती ला
उही पुरस के अमर नामा सुनाईस पार्वती ला
घोलहा अंडा म जीव हा परगे जानीस उही गति ला
मीरा बाई के पीए जहर होगे अमृत पानी
मीरा बाई के पीए जहर होगे अमृत पानी
भक्त प्रहलाद के तो सुने हौं कहानी
देखौ खोल के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
अंतरा 2
सत ल जपीस सुग्घर राजा हरिश्चन्द्र राहै दानी
सत के कारण काय करै गा डोम घर भरिस पानी
राज पाठ अउ धर दौलत ला देईस वो हा दान
छल करिस दुख देईस पापी विश्वामित्र भगवान
सत ल जपीस सुग्घर राजा हरिश्चन्द्र राहै दानी
सत के कारण काय करै गा डोम घर भरिस पानी
राज पाठ अउ धर दौलत ला देईस वो हा दान
छल करिस दुख देईस पापी विश्वामित्र भगवान
सत के कारण मोरजध्वज हा बेटा ल आरी म चिरिस
सत के कारण मोरजध्वज हा बेटा ल आरी म चिरिस
पथरा के छाती ओमा रानी राजा तिरिस
माया छोड़ के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
अंतरा 3
सत ला जपीस घासी बाबा तन ला तपाईस
माता सफरा बुधारू अउ बछिया ला जियाईस
वो गुरू के महिमा महान हावै दाई
चलौ जूर मिल के ओकर चरणो म जाई
सत ला जपीस घासी बाबा तन ला तपाईस
माता सफरा बुधारू अउ बछिया ला जियाईस
वो गुरू के महिमा महान हावै दाई
चलौ जूर मिल के ओकर चरणो म जाई
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग सबो सत ला गाईन
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग सबो सत ला गाईन
जईसन जईसन भक्ति करिन वईसने शक्ति पाईन
सबो ओढ़ के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
देवता धामी गुण ला गाए
राजा रंक अविनाशी
देवता धामी गुण ला गाए
राजा रंक अविनाशी
तन ला तपाए जेहा साधू अउ संन्यासी
माया छोड़ के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
बाबा के चरण मे हो
गुरू के भजन में ना
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के
हिरदय जुड़ा ले काया खोल के