💕 आवत होही बाबा 💕
🌹 Awat Hohi Baba Lyrics🌹
🎵Panthi Geet Lyrics🎵
गीत – आवत होही बाबा
स्वर – गरेलाल बर्मन
गीतकार –
संगीत –
प्रकार – छत्तीसगढ़ी पंथी गीत
लेबल – केके कैसेट
बोल गुरू घासीदास बाबा की जय
स्थायी
ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
ए आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे
ए आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे
ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
अंतरा 1
सुरहिन गईया के गोबर मंगाए हो
खुटघर अंगना चारो ओर लिपाए हो
गज मोतियन के चौक पुराए हो
सोन के करसा पिढूली मढ़ाए हो
पिढूली मढ़ाए बाबा चौक पुराए हो
चोवा चंदन धर के कमंडल धर के
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
अंतरा 2
कंचन के थारी म आरती सजाए हो
तन अउ मन करा दीयना जलाए हो
नरियर कलेवा खीर मढ़ाए हो
दसो ए दिशा म नेवता भेजाए हो
नेवता भेजाए बाबा नेवता भेजाए हो
सादा धोती पहिरे माला मोती पहिरे
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
अंतरा 3
जोड़ा जैतखाम गुरू अंगना गढ़ाए हो
सत के निशानी सादा धजा चढ़ाए हो
अमर बानी लई के अमृत पानी लई के
तोर सुरता म जम्मो दुख बिसराए हो
हां दुख बिसराए बाबा दुख बिसराए हो
मन म शांति धर के जीव म क्रांति धर के
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे
आवत होही बाबा हा कमण्डल धर के
आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे
ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे
आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे