- गीत : अइसे जगजननी हो मईया
- गायक : दुकालू यादव
- गीतकार : अजय उस्ताद
- संगीतकार : रामकुमार साहू
- एल्बम : काली मोर कंकालिन
जय
अईसे जगजननी हो मईया
अईसे जगजननी
हो अईसे जगजननी हो मईया
अईसे जगजननी
हो दुर्गा सिंगार सजाऐ हो
दुर्गा सिंगार सजाऐ
अंतरा 1
यहो मुड़ मा मुकुट मांग मणि साजे
मोतियन झूल सुहाऐ
यहो माथ में सुग्घर रतन के टिकली
दमक दमक रही जाऐ
यहो कान म खिनवा करन फूल
कुण्डल के शोभा छाऐ
यहो नाक में फूल्ली नथबुलाक अऊ
नख बेसर हे सजाऐ
हो काजर ला आँखी में अंजाऐ
काजर ला आँखी में अंजाऐ
अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
हो अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
अंतरा 2
हो गल में हसली कंठा माला
फूल के गजरा भाऐ
यहो दुलरी तिलरी चौलरी माला
नाभी तक ओरमाऐ
यहो रतन मणि पुखराज नगीना
सब गहना में गथाऐ
यहो आठो अंग बिजली अस चमके
देखत आँखी चौंधाऐ
हो तीनो लोक शोभा बगराऐ
तीनो लोक शोभा बगराऐ
अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
हो अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
अंतरा 3
हो आठो बाह में नांग मोर अऊ
पहुटा बाजू बंधाऐ
यहो मरवा में पहूंची ककनी बनुरिया
कडा हरईया भाऐ
यहो हरियर हरियर चूरी बीच में
पटा हा दमकत जाऐ
यहो ठेवराही भंवराही लपेटा
अंगरी में मुंदरी सुहाऐ
हो ओरमा झोरमा साज सजाऐ
ओरमा झोरमा साज सजाऐ
अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
हो अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
अंतरा 4
यहो कनिहा मे हे पटा करधनी
जेमा घूंघरू गुहावै
यहो गोड में चुड़ा तोरा पैजन
पैरी बाजत हावै
यहो रूनझुन रूनझुन शब्द उठो तब
तीनो लोक मोहावै
यहो अंगरी में चुटकी अऊ बिछिया
अंगठा में अनवट भाऐ
हो देख रतिहा अपसरा मोहाऐ वो
देख रतिहा अपसरा मोहाऐ
अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
हो अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
अंतरा 5
यहो सब देवता के अंश ले सिरजे
जब दुर्गा महरानी
यहो देईस हिमांचल छिर सागर मन
गहना आनी बानी
यहो शेष नांग हर घलो मगन हो
देईस चिनहा निशानी
यहो ताश विदेशी का बरिनै तब
थक गे ज्ञानी ध्यानी
हो अजय अग माता के कहानी
अजय अग माता के कहानी
अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
हो अईसे जगजननी हो माया
अईसे जगजननी
हो दुर्गा सिंगार सजाऐ हो
दुर्गा सिंगार सजाऐ
अईसे जगजननी हो मईया
अईसे जगजननी
हो अईसे जगजननी हो मईया
अईसे जगजननी