आरती उतारंव तोर महंगु के ललना Aarti Utarav Mahangu Ke Lalna Lyrics | Das Manohar Panthi Geet Lyrics

आरती उतारंव तोर महंगु के ललना
Aarti Utarav Mahangu Ke Lalna Lyrics
Das Manohar Panthi Geet Lyrics 

  • गीत – आरती उतारंव तोर महंगु के ललना
  • स्वर – दास मनोहर घृतलहरे, लता घृतलहरे
  • गीतकार – दास मनोहर घृतलहरे
  • संगीतकार – ?
  • छत्तीसगढी पंथी गीत
  • लेबल – एस बी म्यूजिक कोरबा

बल बुद्धि गुरू मुझमें नही सकल भरोसा तोर 

गावत हौं तोर महिमा ला बाबा सुर सजादे मोर

 

स्थायी

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

 

श्रद्धा के हीरा भाव के मोती

जलत हे जगमग प्रेम के ज्योति

श्रद्धा के हीरा भाव के मोती

जलत हे जगमग प्रेम के ज्योति

काया के बने हे दीयना

 

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

 

अंतरा 1

जब तक रइही तन में श्वासा माला जपंव तोर नाम के

जब तक रइही तन में श्वासा माला जपंव तोर नाम के

सत के निशानी दिए तै बाबा सादा झंडा जैतखाम के

सत के निशानी दिए तै बाबा सादा झंडा जैतखाम के

 

अमृत कस लागे गुरू तोर बानी

तही संवारे हमर जिनगानी 

अमृत कस लागे गुरू तोर बानी

तही संवारे हमर जिनगानी 

सत के पहिराए गहना

 

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना


 

अंतरा 2

अईसे लागे बाबा तोरे चरण म चारो धाम हे

अईसे लागे बाबा तोरे चरण म चारो धाम हे

अमरौतिन के तैं हा दुलरवा मुख म बसे सतनाम हे

अमरौतिन के तैं हा दुलरवा मुख म बसे सतनाम हे

धन्य होगे गिरौद के माटी

छत्तीसगढ़ीहा के फूलगे छाती

धन्य होगे गिरौद के माटी

छत्तीसगढ़ीहा के फूलगे छाती

बांधे तैं अइसे बंधना

 

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना


 

अंतरा 3

भूला जबो कोनो तोला हमन तैं हा गा झन भूलाबे

भूला जबो कोनो तोला हमन तैं हा गा झन भूलाबे

दुख विपत संकट के बेरा तही ला लाज बचाबे

दुख विपत संकट के बेरा तही ला लाज बचाबे

 

दास मनोहर तोरे पुजारी

गिरे हावै गा तोर दुवारी

दास मनोहर तोरे पुजारी

गिरे हावै गा तोर दुवारी

गुरू हमर लाज ला रखना

 

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

 

श्रद्धा के हीरा भाव के मोती

जलत हे जगमग प्रेम के ज्योति

श्रद्धा के हीरा भाव के मोती

जलत हे जगमग प्रेम के ज्योति

काया के बने हे दीयना

 

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना

आरती उतारंव तोर हो महंगु के ललना

चरण पखारौ तोर हो गावव तोरे वंदना


 

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