आरती उतारंव हो Aarti Utarav Ho Lyrics – Dukalu Yadav Old Jas Geet Lyrics | पुराना जस गीत

आरती उतारंव हो लिरिक्स – दुकालू यादव 

Aarti Utarav Ho Lyrics

 

  • गीत : आरती उतारंव हो
  • गायक : दुकालू यादव
  • गीतकार : प्रेम उस्ताद, दुकालू यादव
  • संगीतकार : सूरज महानंद
  • लेबल : केके कैसेट
सदा भवानी दाहिनी सन्मुख रहे गणेश
पांच देव मिल रक्षा करे ब्रम्हा विष्णु महेश
 
स्थायी
आरती उतारव हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोर पौरी पर के आरती उतारंव हो
ये हो आरती उतारव हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोरे पौरी पर के आरती उतारंव हो
 
अंतरा 1
यहो सुघ्घर अगर काड़ी धर के गुंगुर धूप अउ चंदन
हो पान सुपारी नरियर धर के लाली चोवा बंदन
हो हाथ जोड़ दोनो माथ नवा के सुमिरौ मै हा मने मन
बाधा विघन सरी हरबे दाई झन आये कोनो अलहन
ये हो चरण तोर पखारौ हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोर पौरी पर के आरती उतारंव हो
ये हो आरती उतारव हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोरे पौरी पर के आरती उतारंव हो
 
अंतरा 2
यहो सत के सतवंतिन महामायी सब के करे सहायी
हो तही हावस ओ विध्यवासिनी डोगरगढ़हिन दाई
हो तोर दुआरी जे हर आथे काटे राही दुहाई
हो ऐकरे सेती तो दुनिया भर में तोरे होथे बडाई
ये हो तुहिच ला जोहारौ ओ दियना थारी ला धर के 
दाई तोरे पौरी पर के आरती उतारंव हो
ये हो आरती उतारव हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोर पौरी पर के आरती उतारव हो
 
अंतरा 3
यहो बंजारी खल्लारी तै हर कारज सब के बनाये
हो मौली माता अउ शीतला दाई अरजी आज पुराबे
हो कभु मोर तै संग नई छोडे आज घलो तै आबे
यहो लईका समझ के प्रेम ला अपन आ के पाठ दबाबे
ये हो अरजी गु़जारव हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोर पौरी पर के आरती उतारव हो
ये हो आरती उतारंव हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोर पौरी पर के आरती उतारंव हो
ये हो आरती उतारंव हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोर पौरी पर के आरती उतारंव हो
हो दियना थारी ला धर के 
दाई तोर पौरी पर के आरती उतारंव हो

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