आगे हरेली तिहार – कांतिकार्तिक | AAGE HARELI TIHAR KANTIKARTIK LYRICS | CG HARELI SONG LYRICS

आगे हरेली तिहार
| AAGE HARELI TIHAR KANTIKARTIK LYRICS |
CG HARELI SONG LYRICS
  • गीत – आगे हरेली तिहार
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – ईश्वर साहू बंधी
  • संगीत – ओ पी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी हरेली गीत
  • लेबल – कोक क्रिएशन

स्थायी
सावन महिना सवनाही बहार हो
धरती धारे हे मन भर सिंगार हो
सावन महिना सवनाही बहार हो
धरती धारे हे मन भर सिंगार हो

भागे पाख अंधियारी लागे अमावस दारी
भागे पाख अंधियारी लागे अमावस दारी
देखौ आगे हरेली तिहार हो

अंतरा 1
नांगर जुड़ा गैती रापा धोवाए हो
बिरवा के खाल्हे आसन हूम देवाए हो
गेहूं पिसान नून के लोंदी बनाए हन
आरती झका के गरवा गाय ला जेवाए हन

हो नांगर जुड़ा गैती रापा धोवाए हो
बिरवा के खाल्हे आसन हूम देवाए हो
गेहूं पिसान नून के लोंदी बनाए हन
आरती झका के गरवा गाय ला जेवाए हन
खेती दाई ला चीला भोग लगाए हन

ईसर राजा ले कर के गोहार हो
फरे फूलै किसानी हमार हो
ईसर राजा ले कर के गोहार हो
फरे फूलै किसानी हमार हो

लिम डारा खोचागे गांव मेंड़ो बंधागे
लिम डारा खोचागे गांव मेंड़ो बंधागे
देखौ आगे हरेली तिहार हो

अंतरा 2
उंच उंच बांस खांप के गेड़ी बनवाए हन
आनी बानी रंगरोदन फूंदरा लगवाए हन
गेड़ी दौड़ बईला दौड़ नरियर फेकौला हो
चर्रा कबड्डी खेलन डंडा कोलौला हो

उंच उंच बांस खांप के गेड़ी बनवाए हन
आनी बानी रंगरोदन फूंदरा लगवाए हन
गेड़ी दौड़ बईला दौड़ नरियर फेकौला हो
चर्रा कबड्डी खेलन डंडा कोलौला हो
सुम्मत के बने पदौली दाम लेलौवा हो

मोर डीही डोंगरी के तिहार हो
तोर जस जाने जग संसार हो
मोर डीही डोंगरी के तिहार हो
तोर जस जाने जग संसार हो

मनखे हुलसत हे भारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
मनखे हुलसत हे भारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
देखौ आगे हरेली तिहार हो

भागे पाख अंधियारी लागे अमावस दारी
भागे पाख अंधियारी लागे अमावस दारी
देखौ आगे हरेली तिहार हो

सावन महिना सवनाही बहार हो
धरती धारे हे मन भर सिंगार हो
सावन महिना सवनाही बहार हो
धरती धारे हे मन भर सिंगार हो

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