वारी जाहूं का रे कन्हैया
WARI JAHUN KA RE KANHAIYA LYRICS
कांतिकार्तिक होली गीत
- गीत – वारी जाहूं का रे कन्हैया
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार – मौनी लाला
- संगीतकार – ओ पी देवांगन
- छत्तीसगढ़ी होली गीत
- लेबल – KOK Creation
स्थायी
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
बंशी झन बजा ना कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
बंशी झन बजा ना कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
वारी जाहूं, वारी जाहूं
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
अंतरा 1
बंशी के सातो सुर हा सुरती भंजाथे गा
बेरा बखत नई लागे सुग्घर बलाथे गा
सईया गोसईया के गारी ला खवाथे गा
बंधना के छंदना म मन हां बंधाथे गा
पिरीत अउ रीत के गठरी के नीत के
पिरीत अउ रीत के गठरी के नीत के
झन गठियाना रे
वारी जाहूं, वारी जाहूं
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
अंतरा 2
का मोरे अउ तोरे कईसन नता दारी हे
बिन देखे मन हा तउरे कईसे ये बिमारी हे
मया मया काला कहिथे एखर का चिन्हारी हे
बने लागे केहे बोले म रोग अनसम्भरी हे
नंदिया पुरा के लागे जग भर देखो मोहागे
नंदिया पुरा के लागे जग भर देखो मोहागे
झन अजमाना रे
वारी जाहूं, वारी जाहूं
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
अंतरा 3
जमुना के तीर म संगी रधिया हा आए गा
लोक अउ लाज ला देखौ ओ हा बेचा खाए गा
बांसुरी म मोहनी के सुरती हा भराए गा
दया कन्हैया हरे जी मया रधिया आए गा
जनम जनम के लोक लुकान के
जनम जनम के लोक लुकान के
लागे दीवाना रे
वारी जाहूं, वारी जाहूं
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
अंतरा 4
अईसन पिरीत म परमआनंद बसे हे जी
चिरई चिरगुन ला देखौ रूख म रसे हे जी
खग जाने खग के भाषा दुनिया हसे हे जी
मौनी लाला कांतिकार्तिक सुरती म गसे हे जी
बांहा के घेरा म सुर के तैं फेरा मा
बांहा के घेरा म सुर के तैं फेरा मा
झन मतवाना रे
वारी जाहूं, वारी जाहूं
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
बंशी झन बजा ना कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
बंशी झन बजा ना कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
वारी जाहूं, वारी जाहूं
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे
वारी जाहूं का रे कन्हैया बंशी झन बजा ना रे