बिन गुरू के ज्ञान नई मिले - दुकालू यादव | छत्तीसगढ़ी होली गीत लिरिक्स

 बिन गुरू के ज्ञान नई मिले
BIN GURU KE GYAN NAI MILE LYRICS 
छत्तीसगढ़ी होली गीत

  • गीत - बिन गुरू के ज्ञान नई मिले
  • स्वर - दुकालू यादव
  • गीतकार - दुकालू यादव 
  • संगीतकार - दुकालू यादव
  • छत्तीसगढ़ी होली गीत
  • लेबल - केके कैसेट


स्थायी

बिन गुरू के ज्ञान नई मिले

बिन खोजे भगवान नई मिले


बिन खोजे भगवान नई मिले

बिन खोजे भगवान नई मिले

अउ पवन बिन परान नई मिले

पवन बिन परान नई मिले

बिन खोजे भगवान नई मिले


अंतरा 1

सुर ताल बोली भाखा गुरू किरपा गुण ले

सुर ताल बोली भाखा गुरू किरपा गुण ले

आतम गीता के ज्ञान फुतकी म फुन ले

फुतकी म फुन ले हो फुतकी म फुन ले

आतम गीता के ज्ञान फुतकी म फुन ले


मांगे बिना दान नई मिले

मांगे बिना दान नई मिले

बिन खोजे भगवान नई मिले

अंतरा 2

बिन मरे नई सरग दिखे लाख जनत कर ले

बिन मरे नई सरग दिखे लाख जनत कर ले

नई छोड़े गा यमराजा लाख रतन धर ले


लाख रतन धर ले गा लाख रतन धर ले

नई छोड़े गा यमराजा लाख रतन धर ले


बेरा बिन बिहान नई मिले

बेरा बिन बिहान नई मिले

बिन खोजे भगवान नई मिले

अंतरा 3

धन दोगानी खटीया गोरसी फकत जियत भर के

धन दोगानी खटीया गोरसी फकत जियत भर के

तोर मोर का हे ईहा जीव घलो हे पर के


जीव घलो हे पर के जी जीव घलो हे पर के

तोर मोर का हे ईहा जीव घलो हे पर के


अउ जान बिन जहान नई मिले

जान बिन जहान नई मिले

बिन खोजे भगवान नई मिले


बिन खोजे भगवान नई मिले

बिन खोजे भगवान नई मिले

बिन गुरू के ज्ञान नई मिले

बिन गुरू के ज्ञान नई मिले

बिन खोजे भगवान नई मिले

Comments