रंग रंग के – कांतिकार्तिक
RANG RANG KE LYRICS
छत्तीसगढ़ी होली गीत
- गीत – रंग रंग के
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार – मौनी लाला जी
- संगीतकार – ओपी देवांगन
- छत्तीसगढ़ी होली गीत
- लेबल – KOK CREATION
स्थायी
रंग रंग के रंग रंग के
रंग म झन रंगबे रसिया
रंग रंग के रंग रंग के
रंग म झन रंगबे रसिया
जेन रंग म मैं हा रंगे हंव
जेन रंग म मैं हा रंगे हंव
उही रंग म रंगबे मितवा
अंतरा 1
कुंवारी काया ले माया के रंग म
माया रंग म मैं रंगाए हंव
सुरती के सुध ला मन म मढ़ा के
हरदी म मैं हरदाए हंव
पानी अस जिनगी ला एक दुसर संग म
लपटाए दीया कहाए हंव
जिनगी के जोड़ी जोड़े का विधाता
सपना म का सपनाए हंव
तैं मन मन के तैं मन मन के
तैं मन मन के तैं मन मन के
रद्दा ला झन धरबे रधिया
अंतरा 2
पीर संग पिरित के जोड़ी हा बही
जग म जहरित हावै
पिरित के गघरी के पिरित पानी
भाखा अस अमृत हावै
जीवन धारा के कलकलकल हा
सउहे पबरित हावै
रद्दा म छोड़े नही मुख ला मोड़े नही
मया के रीत इही हावै
तैं पल पल के तैं छिन छिन के
तैं पल पल के तैं छिन छिन के
सुरता ला राखे रहिबे साथिया
अंतरा 3
एकठन खोंधरा के दू ठन परेंवना
जिनगी म सरी सुख पाबोंन
उही सुख ला जोही पाए के कीता
तन ले पसीना बोहाबोंन
सुख के सुरूज हर कबलख नई उही
चल ना मिल के बिजराबोंन
कांतिकार्तिक मौनी लाला के गीत ला
जग म बगराबोंन
संगे संग म अउ रंग रंग म
संगे संग म अउ रंग रंग म
नीत ला धरे रहिबे नीतिया
जेन रंग म मैं हा रंगे हंव
जेन रंग म मैं हा रंगे हंव
उही रंग म रंगबे मितवा
रंग रंग के रंग रंग के
रंग म झन रंगबे रसिया
रंग रंग के रंग रंग के
रंग म झन रंगबे मितवा