हाथ गोड़ खसर्रा दिखे
🌿छत्तीसगढ़ी बिहाव गीत 🌿
Hath God Khasarra Dikhe Lyrics
CG Bihav Geet Lyrics
🌿छत्तीसगढ़ी बिहाव गीत 🌿
Hath God Khasarra Dikhe Lyrics
CG Bihav Geet Lyrics
- गीत – हाथ गोड़ खसर्रा दिखे
- स्वर – शैल किरण, दुकालू यादव, मोना सेन
- गीतकार – गिरिवर दास मानिकपुरी
- संगीतकार – उत्तम तिवारी
- एल्बम – टिकावन
- प्रकार – छत्तीसगढ़ी बिहाव गीत
- लेबल – केके कैसेट
स्थायी
हाथ गोड़ खसर्रा दिखे
खसर खसर खजवाए गा
के महिना ले नहाए नई हस
भकर भकर बस्साए गा
ए पाउच खा के पिच पिच थुके
मुहु म भरे तम्बाखु वो
दांत हा दिखथे करिया समधिन
घिसथस का गुड़ाखू वो
अंतरा 1
रेचका पेचका भाटो के भाई
आंखी दिखे बोटर्रा वो
कोन दिही एला लड़की बहिनी
खाए म हे गोबर्रा वो
ए समधिन
झन कर जादा अतलंग समधिन
बिहा के ले जाहूं वो
भवराहूं इही मड़वा म नई ते
उड़हरिया भगाहूं वो
अंतरा 2
सूट बूट पहिरे ले समधिन
शाहरूख नई कहाए गा
शेर के खाला ओढ़े ले गदहा
शेर नई बन जावै गा
ए जींस मारे टॉप पहिरे
चश्मा लगाए हो
अंग्रेजी म गारी दे के
हमला का देखाए वो
अंतरा 3
दार रांधेव भात रांधेव
पसिया पसाऐंव वो
दुल्हा डउका के मेछा म
हंसिया दताएंव वो
सारी हाथ ले खा ले लाडू
भाटो बड़ा मिठाही गा
काली ले मोर बहिनी तोला
पैरा भूसा खवाही गा
ए समधिन…..
ए… ए….. ए……….