मन भर के रंगाले - दुकालू यादव | छत्तीसगढ़ी होली गीत

 मन भर के रंगाले 
Man Bhar Ke Ranga le Lyrics
✴️ छत्तीसगढ़ी होली गीत ✴️

  • गीत - मन भर के रंगाले
  • स्वर - दुकालू यादव
  • गीतकार - प्रेम उस्ताद, जाहिर उस्ताद
  • संगीतकार - दुकालू यादव
  • लेबल - सुन्दरानी


स्थायी

ए रंगाले रंगाले रंगाले

मन भर के सबो ला रंगाले

ए रंगाले रंगाले रंगाले

मन भर के सबो ला रंगाले


आगे फागुन के महिना 

तैं हा रंग गुलाल उड़ा ले

आगे फागुन के महिना 

तैं हा रंग गुलाल उड़ा ले


अंतरा 1

आनी बानी हे फागुन के रंग जी

हरियर पियर लाली

आनी बानी हे फागुन के रंग जी

हरियर पियर लाली


आजेच भर हे फागुन होरी 

मौका नई मिलही काली

ए लगाले लगाले लगाले

मन भर के सबो ला लगाले

आगे फागुन के महिना 

तैं हा रंग गुलाल उड़ा ले


अंतरा 2

लुगरा पोलखा अउ चुनरी ला 

रंग दौ मया के रंग मा

लुगरा पोलखा अउ चुनरी ला 

रंग दौ मया के रंग मा


चरर चरर पिचकारी पिचकौलौ

छितौ जम्मो अंग अंग मा

नहवाले नहवाले नहवाले 

मन भर के सबो ला नहवाले

आगे फागुन के महिना 

तैं हा रंगे गुलाल उड़ा ले

अंतरा 3

दन दनादन बाजे नंगारा 

गांव शहर आरा पारा

दन दनादन बाजे नंगारा 

गांव शहर आरा पारा


फागुन के फाग लगाए कोसरिया 

सब के जे हा दुलारा

ए नचाले नचाले नचाले

मन भर के सबो ला नचाले

आगे फागुन के महिना 

तैं हा रंगे गुलाल उड़ा ले


ए रंगाले रंगाले रंगाले

मन भर के सबो ला रंगाले

ए रंगाले रंगाले रंगाले

मन भर के सबो ला रंगाले


आगे फागुन के महिना 

तैं हा रंग गुलाल उड़ा ले

आगे फागुन के महिना 

तैं हा रंग गुलाल उड़ा ले

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