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मनमोहनी हे गांव के गोरिया - नितिन दुबे | MAN MOHNI HE GAON KE GORIYA LYRICS | NITIN DUBEY OLD CG SONG

 मनमोहनी हे गांव के गोरिया
MAN MOHNI HE GAON KE GORIYA LYRICS
NITIN DUBEY OLD CG SONG

  • गीत - मनमोहनी हे गांव के गोरिया 
  • स्वर - नितिन दुबे 
  • गीतकार - बुधराज चौहान
  • संगीतकार - नितिन दुबे
  • लेबल - नितिन दुबे

स्थायी

मन मोहनी मोही डारे वो

मन मोहनी हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया

मन मोहनी हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया


हाय मारे ये ये ये 

हाय मारे तिरछी नजरिया

मन मोहनी मोही डारे वो


मन मोहनी हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया

मन मोहनी हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया


अंतरा 1

धर के किताब चले मटक मटक 

बड़े लागे सुहाना

धर के किताब चले मटक मटक 

बड़े लागे सुहाना


हो मन लुभ गे 

हाय चोरी छुप के वो देखे के बहाना


लहरा मारे ये ये ये

लहरा मारे लाल चुनरिया 

मन मोहनी अरे तितली 

हाय बिजली हे गांव के गोरिया 

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया

 

अंतरा 2

हाय गली गली महर 

चिरई सही चहर वा हा रे गढ़ोईया

गली गली महर 

चिरई सही चहर वा हा रे गढ़ोईया


हो बादर गरजे जीव मोर धड़के 

मरत हे मरोईया


हाय रिमझे ये ये ये ये

हाय रिमझे हाथ देखोईया

हाय मिरगिन हाय मजुरनिन

अरे बघनीन हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया

मन होहनी हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया


हाय मारे ये ये ये 

हाय मारे तिरछी नजरिया

मन मोहनी मोही डारे वो


मन मोहनी हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया

मन मोहनी हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया

मन मोहनी हे गांव के गोरिया

हाय पढ़े बर जावत हे शहरिया

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