वो दिन सुरता आही हंसा रे Wo din Surta Aahi Hansa Re Lyrics | Gorelal Barman Panthi Geet Lyrics

 वो दिन सुरता आही हंसा रे 
Wo din Surta Aahi Hansa Re Lyrics 
Gorelal Barman Panthi Geet Lyrics
  • गीत – वो दिन सुरता आही हंसा रे
  • स्वर – गोरेलाल बर्मन, रतन सबिहा
  • गीत – गोरेलाल बर्मन
  • संगीत – गोरेलाल बर्मन
  • एल्बम – हे सतपंथी
  • लेबल – केके कैसेट



स्थायी

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

 

जिनगी भर के जस अबजस ल ले के जाबे पापी

जिनगी भर के जस अबजस ल ले के जाबे पापी

का मुह देखाबे का आधार म

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म



अंतरा 1

कडहेरा म खड़ा कराही खोल के देखही खाता ला

खोल के देखही खाता ला

करनी के करतब ला सुन के धर के बईठबे माथा ला

धर के बईठबे माथा ला 

 

कडहेरा म खड़ा कराही खोल के देखही खाता ला

खोल के देखही खाता ला

करनी के करतब ला सुन के धर के बईठबे माथा ला

धर के बईठबे माथा ला 

 

करे हस ये गलती म तैं रो रो के पछताबे

करे हस ये गलती म तैं रो रो के पछताबे

कोन खड़ा होही तोर गोहार म

 

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म



अंतरा 2

मन म तैं मनमानी कर के बेचे धन अउ खेती ला

बेचे धन अउ खेती ला

अपन नई तो माने रे पापी पर के बहू बेटी ला

पर के बहू बेटी ला

 

मन म तैं मनमानी कर के बेचे धन अउ खेती ला

बेचे धन अउ खेती ला

अपन नई तो माने रे पापी पर के बहू बेटी ला

पर के बहू बेटी ला

 

करम के भुगतना तोला भोगे प परही भैया

करम के भुगतना तोला भोगे प परही संगी

मिलही सजा जिनगी के निस्तार म

 

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

 

जिनगी भर के जस अबजस ल ले के जाबे पापी

जिनगी भर के जस अबजस ल ले के जाबे पापी

का मुह देखाबे का आधार म

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

 

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

वो दिन सुरता आही हंसा रे

जाबे सतपुरूष के दुवार म

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