- गीत - सतनाम सतनाम बोल
- स्वर - आरू साहू
- गीतकार - दास मनोहर
- संगीतकार - विवेक शर्मा
- लेबल - क्रिएटिव विज़न
सतनाम समाए हे घट घट म
सतनाम सुमर ले रे हंसा
झन कर जी गुमान माटी के तन म
जिते जियत तर ले रे हंसा
स्थायी
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
ऐ चोला तर जाही तोर
ऐ काया तर जाही तोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
चोला तर जाही तोर
काया तर जाही तोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
अंतरा 1
हे सत ले उपजे हावै धरती आगास गा
सत म तैं आस रख सत म विश्वास गा
सत सत बालै मोरे गुरू घासी दास गा
सत के सहारा चले सबो के सुवास गा
सत ले हे जग अंजोर
कण कण म हे शोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
ऐ चोला तर जाही तोर
ऐ काया तर जाही तोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
अंतरा 2
ऐ झन कर गरब फोकट झगरा लड़ाई गा
समय के आगु नई चले चतुराई गा
सत के बिना नई हे कखरो भलाई गा
जईसे के करनी वईसे फल मिलही भाई गा
मोह के बंधना छोर कोनो नई हे गा तोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
चोला तर जाही तोर
काया तर जाही तोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
अंतरा 3
ऐ गुरू के बानी हावै अमृत पानी गा
पी ले रे हंसा तर जाही जिनगानी गा
मया के मेला दू दिन के कहानी गा
संग नई जावै बेटी बेटा धन दोगानी गा
का तोर अउ मोर नई चलै कखरो जोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
ऐ चोला तर जाही तोर
ऐ काया तर जाही तोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सतनाम सतनाम सत बोल
सत ले जग हे अंजोर कण कण म हे शोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
मोह के बंधना छोर कोनो नई हे गा तोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
का तोर अउ मोर नई चलै कखरो जोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल
चोला तर जाही तोर काया तर जाही तोर
हिरदय म बसा के संगी सतनाम बोल