ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे janeu Pahire Khadau Pahire – Avat Hohi Baba Lyrics | Gorelal Barman Panthi Geet Lyrics

  ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे 
janeu Pahire Khadau Pahire – Avat Hohi Baba Lyrics
 Gorelal Barman Panthi Geet Lyrics 

 

  • गीत – ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे
  • स्वर – गोरेलाल बर्मन, रतन सबिहा
  • गीत – गोरेलाल बर्मन
  • संगीत – गोरेलाल बर्मन
  • एल्बम – हे सतपंथी
  • लेबल – केके कैसेट

स्थायी

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

अंतरा 1

सुरहिन गईया के गोबर मंगाए हो

गोबर मंगाए हो गोबर मंगाए हो

खुटघर अंगना चारो ओर लिपाए हो

ओर लिपाए चारो ओर लिपाए हो

गज मोतीयन के चौक पुराए हो

सोन के कलसा पिढ़ूली मढ़ाए हो

पिढ़ूली मढ़ाए बाबा चौक पुराए हो

चोवा चंदन धर के कमंडल धर के

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

अंतरा 2

कंचन के थारी म आरती सजाए हो

आरती सजाए हो आरती सजाए हो

तन अउ मन कर दीयना जलाए हो

दीयना जलाए हो दीयना जलाए हो

नरियर कलेवा खीर मढ़ाए हो

दसओ दिशा म नेवता भेजाए हो

नेवता भेजाए हो नेवता भेजाए हो

नेवता भेजाए बाबा नेवता भेजाए हो

हे नेवता भेजाए बाबा नेवता भेजाए हो

सादा धोती पहिरे माला मोती पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

अंतरा 3

जोड़ा जैतखाम गुरू अंगना गड़ाए हो

अंगना गड़ाए हो अंगना गड़ाए हो

सत के निशानी सादा ध्वजा चढ़ाए हो

ए ध्वजा चढ़ाए हो ध्वजा चढ़ाए हो

अमर बानी ले के अमृत पानी ले के

तोर सुरता म जम्मो दुख बिसराए हो

दुख बिसराए हो दुख बिसराए हो

हो दुख बिसराए बाबा दुख बिसराए हो

हो दुख बिसराए बाबा दुख बिसराए हो

मन म शांति धर के जीव म क्रांति धर के

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा हा कमंडल धर के

आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा हा कमंडल धर के

आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा हा कमंडल धर के

आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा हा कमंडल धर के

आवत होही गुरू कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

ए जनेउ पहिरे खड़ाउ पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

आवत होही बाबा कंठी माला पहिरे

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