❇️Guru Ke Bani Lyrics❇️
✴️Panthi Geet Lyrics✴️
- गीत – गुरू के बानी
- स्वर – स्वर्णा दिवाकर
- गीतकार – दास मनोहर
- संगीतकार – सूरज महानंद
- रिकार्डिंग – स्वप्निल स्टूडियो
- लेबल – अंजोर
स्थायी
मनखे मनखे हे एके बरोबर
गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
मनखे मनखे हे एके बरोबर
गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
ये गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
बाबा के बानी हे कतका सुग्घर
ये गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
साहेब के बानी हे कतका सुग्घर
साहेब
मनखे मनखे हे एके बरोबर
गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
सन्नाना नान्ना मोर नन्ना हो ललना
सन्नाना नान्ना ना नन्ना हो ललना
आहा
सन्नाना नान्ना मोर नन्ना हो ललना
अंतरा 1
ऐ लहू रकत अउ हाड़ मांस के
बने हे सबो के तन हा
ऐ नई खावै कोनो हीरा मोती ला
खाथे सबो ऐके अन ला गा
ये खाथे सबो ऐके अन ला गा
खाथे सबो ऐके अन ला गा
चंदा सुरूज हा उथे सबो बर
गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
अंतरा 2
ये कोनो छोटे अउ कोनो बड़े
कईसे होही जात पात ले गा
हां ये दुनिया म आये हावन सब्बो
ऐके रद्दा एके घाट ले गा
साहेब ऐके रद्दा एके घाट ले गा
ऐके रद्दा एके घाट ले गा
का अतको नई हे गा खबर
गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
ये गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
बाबा के बानी हे कतका सुग्घर
ये गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
साहेब के बानी हे कतका सुग्घर
साहेब
मनखे मनखे हे ऐके बरोबर
गुरू के बानी हे कतका सुग्घर
सन्नाना नान्ना मोर नन्ना हो ललना
सन्नाना नान्ना ना नन्ना हो ललना
सन्नाना नान्ना ना नन्ना हो ललना
साहेब
सन्नाना नान्ना मोर नन्ना हो ललना
सन्नाना नान्ना ना नन्ना हो ललना