💕Mati La Ka Mati Dehun Lyrics💕
🎵Kantikartik Yadav Mauni Lala Song🎵
🌹CG Song Lyrics🌹
- गीत – माटी ल का माटी देहूं
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव,
- गीत – मौनी लाला
- संगीत – ओपी देवांगन
- लेबल – कोक क्रिएशन
स्थायी
माटी ल का माटी देहूं
माटी ल का माटी देहूं
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
मन मन मरथे जिवरा हा कंदरथे
मन मन मरथे जिवरा हा कंदरथे
बियापत सिहरथे चोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
अंतरा 1
सृष्टि सार के नीत नीति हे
आवा गमन कहाए हे
चौरासी योनी के भटका म
सुख संग दुख ल पाए हे
घड़ी घरवास नई जाने कोन्हो
बेरा समझ नई पाऐ हे
काल बली पटवार बन के
हांका देवत जाए हे
काल के रूप नई चिन्हाए
काल के रूप नई चिन्हाए
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
अंतरा 2
करम करनी के लेखा जोखा
पुरब जनम फल पाथे गा
लेन देन के दुनिया दारी
चितरगुप्त परखत हे गा
गृह गोचर अउ लगन मुहुरत
अचार विचार दर्शाथे गा
जीवन मरन लाभ अउ हानी
विधि के हाथ कहाथे गा
करम ह मुक्ति देवाए
करम ह मुक्ति देवाए
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
अंतरा 3
मुक्ति पाए बर जुकति साधे
धरम के चढ़े अटारी गा
दान पान ल देये मन ले
धरमी घलो जग सारी गा
मया अउ माया समझ नई आवै
माया हरे मजधारी गा
मजधारी म परे जब नईया
सुध म आवै गिरधारी गा
गिरधारी हा पार लगााए
तुलसी के जल म हिताए
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
अंतरा 4
गउ गंगा हर रूप हे सत के
बुध बल सुध म आथे गा
चंदर लागत जे जीव हर
सत तुलसी जल पाथे गा
मोक्ष दुवार बने महतारी
परमानंद म समाथे गा
कांतिकार्तिक मौनी लाला
आत्मगाथा गाथे गा
रूपवतिन के रूप धुंधराए
रूपवतिन के रूप धुंधराए
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
माटी ल का माटी देहूं
माटी ल का माटी देहूं
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
मन मन मरथे जिवरा हा कंदरथे
मन मन मरथे जिवरा हा कंदरथे
बियापत सिहरथे चोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला
रे ठगनी माया
ठुगठुग ले ठग डारे मोला