कांदी रे लुवे कड़क बोझा Kandi Re Luve Kadak Bojha Lyrics – Mamta Chandrakar, Sunil Soni

🌿 कांदी रे लुऐ कड़क बोझा 🌿
🎤ममता चन्द्राकर, सुनील सोनी🎤
🌺Kandi Re Luwe Kadak Bojha Lyrics🌺
🎵CG Song Lyrics🎵
  • गीत – कांदी रे लुवे कड़क बोझा
  • स्वर – ममता चन्द्राकर, सुनील सोनी, कुलेश्वर ताम्ब्रकर
  • गीत – प्रेम चन्द्राकर, पीसीलाल यादव
  • संगीत – प्रेम चन्द्राकर
  • एल्बम – बैरी पैरी ला
  • लेबल – केके कैसेट, सुंदरानी

स्थायी

कांदी रे लुवे कड़क बोझा

कांदी रे लुवे कड़क बोझा

तोला गजब अगोरेव मेड़े के ओधा 

का या सदाफूल

तोरे लाली लहर के लहंगा

मोरे कौड़ी नगर के बिदिया

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे

 

आमा के फरती कुंआ के झरती

आमा के फरती कुंआ के झरती

अधरतिहा बलायेव सुवा के 

बरे दीया सदाफूल

मोरे लाली लहर के लहंगा 

तोरे कौड़ी नगर के बिदिया 

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे



अंतरा 1

पानी रे आये धरे ला टेंगना

पानी रे आये धरे ला टेंगना

मेंहा दुरिहा ले देखेव तोरेच 

रेंगना या सदाफूल

तोरे लाली लहर के लहंगा

मोरे कौड़ी नगर के बिदिया

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे



अंतरा 2

तोर मोर बोली अगम जानी

तोर मोर बोली अगम जानी

गठरी मे गोड़ जिवरा 

जरू मा पानी का या सदाफूल

मोरे लाली लहर के लहंगा 

तोरे कौड़ी नगर के बिदिया 

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे

सिरी पाटन के मचौली म 

जोही ला नींद आ गे रे

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