- गीत : मोर करेजा फट जाही
- गायक : दुकालू यादव
- गीतकार : तारा गुरूजी
- संगीतकार : दुकालू यादव
- लेबल : केके कैसेट
दाई आँखी ले आँसू पलपलावत हे
छाती मा पीरा धकधकावत हे
अंगना सुना भईगे मोरो
नव दिन के दीया जगमगावत हे
कलप कलप के गांव भर के रोवौ
नवराति के तोर जंवारा बोवै
हांसत हांसत तैं जावत हस दाई
हमला रोवासी जनावत हे
हमला रोवारी जनावत हे
हमला रोवासी जनावत हे
स्थायी
मोर करेजा फट जाही
जब होही तोर बिदाई
आँसू के सातो धार में हो
आँसू के सातो धार में
दाई मोर नहाही
अंतरा 1
कईसे तोर ज्योत उसालव
कईसे तोर जंवारा वो
कईसे तोर ज्योत उसालव
कईसे तोर जंवारा वो
जन जन के तैं जगजननी
जग के बोहे भारा वो
जग में तोर जगमग जगमग हो
जग में तोर जगमग जगमग
जोत जगमगाही
अंतरा 2
तोर बिरहा के आगी म दाई
मैं हा जर जाहूं वो
तोर बिरहा के आगी म दाई
मैं हा जर जाहूं वो
राखे रईबे दीया बना के
तोर अंगना म बर जाहूं वो
अंग अंग म तोर नाव के छापा वो
अंग अंग म तोर नाव के छापा
मेटे ना मेटाही
अंतरा 3
पहूना कस आये माता
करेव पहूनाई वो
पहूना कस आये माता
करेव पहूनाई वो
महतारी तोर बिदाई
भारी दुख दाई वो
सुरता में सुरर सुरर के हो
सुरता में सुरर सुरर के
कईसे दिन पहाही
अंतरा 4
सुसक सुसक के स्वासा
सुसके आरा पारा वो
सुसक सुसक के स्वासा
सुसके आरा पारा वो
जिनगी मोर हे चरदिनिया
तिही मोर सहारा वो
नव दिन तोर सेवा बजा के हो
नव दिन तोर सेवा बजा के
तारा जस ला गाही
आँसू के सातो धार में हो
आँसू के सातो धार में
दाई मोर नहाही