मोरे केवल माँ More Kewal Maa Lyrics Jas Geet Lyrics | पारंपरिक जस गीत

मोरे केवल माँ – पारंपरिक जस गीत 
More Kewal Maa Lyrics Jas Geet Lyrics
  • गीत : मोरे केवल माँ
  • गायिका : आयशा फातिमा 
  • गीतकार : पारंपरिक जस गीत 
  • संगीतकार : सूरज महानंद 
  • लेबल : सुन्दरानी

 

 

 

स्थायी
मोरे केवल माय हो मोरे केवल माय
राहो जगत के अजब बने हो माय
मोरे केवल माय हो मोरे केवल माय
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 1
कउन लगावै धन अमुवा 
हो धन लिमुआ हो माय
हो धन लिंमुआ हो माय 
कउन कोडावै अच सगुरी 
हो कउन पीये जल पान 
हो कउन पीये जल पान 
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 2
राम लगावै धन अमुवा 
हो धन लिंमुआ हो माय
हो धन लिंमुआ हो माय
लखन कोड़ावै अच सगुरी 
हो गौवा पीये जल पान 
हो गौवा पीये जल पान 
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 3
कउन बरन धन अंबुआ 
हो धन लिंमुआ हो माय
हो धन लिंमुआ हो माय
कउन बरन अच सगुरी 
हो गौवा पीये जल पान
हो गौवा पीये जल पान
राहो जगत के अगब बने हो माय
 
अंतरा 4
हरा बरन धन अंबुवा 
हो धन लिंमुवा हो माय
हो धन लिंमुवा हो माय
नील बरन अच सगुरी 
हो गौवा पीये जल पान
हो गौवा पीये जल पान
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 5
लिख लिख पतिया भेजत हे 
हो माई अक बरमाय
हो माई अक बरमाय 
आप भवानी जगत के
हो भुज रहे लिपटाये 
हो भुज रहे लिपटाये
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 6
कै लाख फौज मुगलन के 
हो कै लाख असवार 
हो कै लाख असवार 
कै लाख काग कगुरवा
हो कै लाख तलवार 
हो कै लाख तलवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 7
एक लाख फौज मुगलन के 
हो दुई लाख असवार
हो दुई लाख असवार
तीन लाख काग कगुरवा
हो चार लाख तलवार
हो चार लाख तलवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 8
कै लाख साजे डांडी डोलवा
हो कै लाख सुखपाल
हो कै लाख सुखपाल
कै लाख साजे हाथी घोड़वा
हो कै लाख जमींदार
हो कै लाख जमींदार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 9
दुई लाख साजे डांडी डोलवा
हो तीन लाख सुखपाल
हो तीन लाख सुखपाल
चार लाख साजे हाथी घोड़वा
हो पांच लाख जमींदार
हो पांच लाख जमींदार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 10
काटत आवै धन अंबुवा 
हो धन लिंमुवा हो माय
हो धन लिंमुवा हो माय
चिखला उड़गे अच सगुरी
हो दिल्ली के सुलतान
हो दिल्ली के सुलतान
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 11
बिटिया बोले जगत के 
हो सुन बाबा मोरे बात
हो सुन बाबा मोरे बात
हमका बिहा दे मुगलन से 
हो धर्म रही है तुम्हार
हो धर्म रही है तुम्हार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 12
अईसन बात झन बोलौ
हो धर्म जाही है हमार
हो धर्म जाही है हमार
फाटी धरती बजूर के
हो जेमा जाइबो समाय
हो जेमा जाइबो समाय
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 13
इन्द्र ले उतरे बछिरवा
हो अंगुर दुई दुई कान
हो अंगुर दुई दुई कान
इन्द्र बछिरवा पकड़े
हो जग देव पवार
हो जग देव पवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 14
काहेन के बाची जीनवा
हो काहे सिरदी लगाये
हो काहे सिरदी लगाये
काहेन के बाकी मोंगरा
हो काहे गुहे केशवार
हो काहे गुहे केशवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 15
रूपेन के बाची जीनवा
हो लोहा सिरदी लगाये
हो लोहा सिरदी लगाये
सोनेन के बांकी मोंगरा
हो मोती गुहे केशवार
हो मोती गुहे केशवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
 
अंतरा 16 
रूपेन के बाकी जीनवा
हो लोहा सिरही लगाये
हो लोहा सिरही लगाये
सोनेन के बाकी मोंगरा
हो मोती गुहे केशवार
हो मोती गुहे केशवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 17
गढ़फाटक सोणक सोहे
हो पग डेउर जिन्नाये
हो पग डेउर जिन्नाये
समर बछिरवा समतल भर
हो भुईया धरी नही पांव
हो भुईया धरी नही पांव
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 18
केसरिया जावां सोहे 
हो सिर पचरंग पाग
हो सिर पचरंग पाग
अस्सी मोहा कलगी सोहे
हो सिर पर लिये हो लगाये
हो सिर पर लिये हो लगाये
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 19
पितांबर कछनी कांछे
हो हाथ धरिओ रूमाल
हो हाथ धरिओ रूमाल
कानेन कुंडल सोहे
हो जग मुकटा के हार
हो जग मुकटा के हार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 20
छुरी कटारी गुप्ती सोहे
हो दोहरी सोहे तलवार
हो दोहरी सोहे तलवार
हरी डांन बरछी सोहे
हो पीठ गोड के ढ़ाल
हो पीठ गोड के ढ़ाल
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 21
उग बछरवा मे चढ़ बैठे
हो जग देव पवार
हो जग देव पवार
उड़न बछेरवा चली आये
हो महलो के मैदान
हो महलो के मैदान
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 22
महल से उतरे रनियां
हो मोती मांग भराये
हो मोती मांग भराये
तोर पईया लागौ मै बछिरवा
हो चुड़ी राखिहौ सजाए
हो चुड़ी राखिहौ सजाए
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 23
हंस के बोले भवानी
हो सुन रानी मोर बात
हो सुन रानी मोर बात
वार करो मुगलन में
हो जीतव हो तलवार
हो जीतव हो तलवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 24
दांये मे चले देवी शारदा
हो बांये दुर्गा हो माय
हो बांये दुर्गा हो माय
सनमुख चले भवानी
हो जग देव सहाय
हो जग देव सहाय
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 25
खेट पर हो मुगलन के
हो खिंच लियो तलवार
हो खिंच लियो तलवार 
अधर अधर मुड़ काटे
हो जगदेव पवार
हो जगदेव पवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 26
अस्सी हजार मुगलन में
हो जगदेव पवार
हो जगदेव पवार
मार करे मुगलन में
हो माढ़े हावै रक्त के धार
हो माढ़े हावै रक्त के धार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 27
रण में नाचे भवानी 
हो खप्पर दियो हो मढ़ाये
हो खप्पर दियो हो मढ़ाये
राज कहे अकबर ला
हो खप्पर भर दौ हमार
हो खप्पर भर दौ हमार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 28
अकबर बोले जिवरी 
हो जगदेव किसान
हो जगदेव किसान
लहुर पहुर मुड़ काटे
हो जगदेव पवार
हो जगदेव पवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 29
मुड़न के खरही गांजे
हो लोठन लागी हौ पहाड़
हो लोठन लागी हौ पहाड़
रक्तन के नंदिया बोहाये
हो जगदेव पवार
हो जगदेव पवार
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 30
छुरी कटारी अंगुरी भये
हो पीठ गोड़ किये ढ़ाल
हो पीठ गोड़ किये ढ़ाल
हरि डांड नागन भर 
हो सरपन बने हावै ढ़ाल
हो सरपन बने हावै ढ़ाल
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 31
भागे फौज मुगलन के
हो दिल्ली के सुलतान
हो दिल्ली के सुलतान
जोर करे सब देवतन के
हो सुर सुगंध बरसाये
हो सुर सुगंध बरसाये
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
अंतरा 32
सुमर सुमर जस गायेव 
हो जय जय बोलत हौ तुम्हार
हो जय जय बोलत हौ तुम्हार
मम अपराध क्षमा करौ
हो केवल शरण तुम्हार
हो केवल शरण तुम्हार
राहो जगत के अजब बने हो माय
राहो जगत के अजब बने हो माय
 
 

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