कते जंगल कते झाड़ी
Kate Jangal Kate Jhadi Lyrics
- गीत : कते जंगल कते झाड़ी
- गायिका : ममता चंद्राकर, सुनील सोनी
- गीतकार : प्रेम चंद्राकर
- एल्बम : बहि बना दिये
- संगीतकार : प्रेम चंद्राकर
कते जंगल कते झाड़ी कते बन मा गा
अग अग भैया मोर
कते मेरा टेरा ला टेरत हाबस रे
कते मेरा बासी ला उतारहूं रे
इही जंगल इही झाड़ी इही बन मा ओ
अवो अवो बहिनी मोर
इही मेरा टेड़ा ला टेड़त हावौ ओ
इही मेरा बासी ला उतारी देबे ना
पांचे गाठे हरदी ला लेते आबे ना
करसा कलौरी ला लेते आबे ना
पर्रा अऊ बिझना ला लेते आबे ना
ना तो तोर मंगनी अऊ ना तो तोर बरनी गा
अगा अगा भैया मोर
पांच गाठ हरदी ला का करबे ना
करसा कलौरी ला का करबे ना
पर्रा अऊ बिझना ला का करबे ना
घर ही मा मंगनी अऊ घर ही मा बरनी ओ
अवो अवो बहिनी मोर
तोर मोर भांवर पर जाही ना
तोर मोर भांवर पर जाही ओ
आंखी तोरे फूंटी जातीस छाती तोर फाटी जातीस रे
अगा अगा भैया मोर
बहिनी नता ला नई तो जानेस रे
बहिनी नता ला नई तो जानेस रे
ना तो मोर आंखी फूंटे ना तो मोर छाती फाटे ओ
अवो अवो बहिनी मोर
गोड गोडवानी रीति मा चलत हावै ना
ममा अउ फूफू के बन जाथे ना
पुरखा हा हमर चला दे हे ना
कते डाहर के नता ला मानथस रे
उही धमधा डाहन के
ये धमधा के राजा बाबू तोर कईसन लागे गा
तोर कईसन लागे लबर लोर लोर
पीतूर मा झोर झोर
राय झूम झूम बांस पान
बंसा रे करेला पान
लिबिर लाबर पीपर पान
झूमर जारे पड़की झूमर जा
ये धमधा के राजा नोनी मोर कका लागे वो
मोर कका लागे लबर लोर लोर
पीतूर मा झोर झोर
राय झूमा झूम बांस पान
बंसा रे करेला पान
लिबिर लाबर पीपर पान
झूमर जारे पड़की झूमर जा
ये धमधा के राजा नोनी तोर कईसन लागे वो
तोर कईसन लागे लबर लोर लोर
पीतूर मा झोर झोर
राय झूमा झूम बांस पान
बंसा रे करेला पान
लिबिर लाबर पीपर पान
झूमर जारे पड़की झूमर जा
ये धमधा के राजा बाबू हमर ममा लागे गा
हमर ममा लागे लबर लोर लोर
पीतूर मा झोर झोर
राय झूम झूम बांस पान
बंसा रे करेला पान
लिबिर लाबर पीपर पान
झूमर जारे पड़की झूमर जा
चल अब मोर संग पानी ला पिलोबे
हव
तीलक तेल रूकोयेव बिल में
रही रही समझायेव नई धरे दिल में
इछलगे बिछलगे राहेर फूल गे
करीया ला देख के नजर झूल गे
कारी बिच नारी कुदारी बन मा
काजी के रईहौ जवानी पन मा
करीया के डौकी असल कारी ओ
भरमें भरम मा देवत हे गारी ना
दार नई हे चांउर नई हे कामा रांधौ भात
पर के धनी बर छुटत हे परान
घर के धनी के ओ बिंदरा बिनास
शहरी ददरिया शहर तीर के
अलपटहा ददरिया राजीम तीर के
केरा बारी म झरत हन ददरिया रे दोस