कहा जाबे रे बैरी आज तोर काल खड़े हे
पुराना जस गीत
Kaha Jabe Re Bairi Lyrics
- गीत : कहा जाबे रे बैरी
- गायक : दुकालू यादव
- गीतकार : दुकालू यादव
- संगीतकार : मधुसुदन भारती
- लेबल : केके कैसेट
स्थायी
कहा जाबे रे बैरी आज तोर काल खड़े हे
कहा जाबे रे बैरी आज तोर काल खड़े हे
यहो कहा जाबे तै सरग नरक मा
कहा जाबे तै सरग नरक मा
देवी पाछु पडे हे
आज तोर काल खडे़ हे
आज तोर काल खड़े हे
अंतरा 1
यहो कलकलहिन कंकालीन काली रूप बिचित्तर भारी हे
यहो काजर केरवस कोइला बरोबर सरी अंग हर कारी हे
यहो दुंग दुंग ले उघरा हे देवी मुड मा लागे सिंगारी हे
यहो खड़हर पारे बर रण भीतरी मे बईरी दुराचारी हे
यहो कहा जाबे ब्रम्हा बिष्णु तीर
कहा जाबे ब्रम्हा बिष्णु तीर अंतस सब के खड़े हे
आज तोर काल खड़ हे
आज तोर काल खड़े हे
अंतरा 2
यहो कारी रात अंधियारी माया रण भीतरी मा उमगे
यहो जईसे बादर चारो मुड़ा ले हवरा बरोबर झूम गे
यहो देवी अंग ले चौषठ जोगनी रण भीतरी मा बन गे
यहो माते झगरा रहेबदरन मा दुनो दल मा जम गे
यहो कहा जाबे तै चारो मुड़ा ले
कहा जाबे तै चारो मुड़ा ले पाप के गठरी भरे हे
आज तोर काल खड़े हे
आज तोर काल खड़े हे
अंतरा 3
यहो कतको दानव रण में खप गे लड़त लडाई सिरागे
यहो देवी दाई के हाथ खप्पर मा बईरी मन हा भुंजागे
यहो बरदानी बइरी असुर हा आ के तुरते झापा गे
यहो रण भुईया मा लाहस लाहस के खरही सही गंजा गे
यहो का करही तोर माया जाल हा
का करही तोर माया जाल हा मोर देखे ले टरे हे
आज तोर काल खड़े हे
आज तोर काल खडे़ हे
अंतरा 4
यहो कोलिहा कुकुर के भाग जगा दिस देवी काली माई
यहो दिनबहुरगे देवता मन के दानव के होगे करलाई
यहो रक्तबीज चंड मुंड ला मारे मोर कलजुगहिन दाई
यहो शुंभ निशुंभ के नाश करे हे देवता के करे सहाई
यहो काल रूप कंकाली हाथ ले
काल रूप कंकाली हाथ ले पापी असुर मरे हे
आज तोर काल खड़े हे
आज तोर काल खड़े हे
अंतरा 5
यहो कलकल कलकल रण भुईया म काली हे कलकलावै
यहो उही बेरा मा भोले शंकर बालक रूप धर आवै
यहो शांत हो के तब माता काली आशिष ला बरसाये
यहो नारद पुराण के सुघ्घर कहनी मौनी लिख के सुनावै
यहो दास कोसरिया देवी चरण मा
दास कोसरिया देवी चरण मा तीसो दिन सुमरे हे
आज तोर काल खड़े हे
आज तोर काल खड़े हे
यहो कहा जाबे तै सरग नरक मा
कहा जाबे तै सरग नरक मा
देवी पाछु पडे हे