जगत के जननी जगतारन बर डोंगरी पहाड़ी मा आये हे song lyrics in hindi | Jagat ke Janani Song | Kantikartik Yadav OP DEWANGAN
- गीत : जगत के जननी
- गायक : कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार : कांतिकार्तिक यादव
- संगीतकार : ओ.पी. देवांगन
जगत के जननी जगतारन बर डोंगरी पहाड़ी मा आये हे
जगत के जननी जगतारन बर डोंगरी पहाड़ी मा आये हे
डोंगरगढ़हीन दाई बमलाई
डोंगरगढ़हीन दाई बमलाई धरम के नगरी बसाये हे
चलो जाबो डोंगरगढ़ बमलाई
अंतरा 1
अपन भगत ला महतारी हा अपन कोरा मा खेलाथे
चईत कुंआर मा मेला मड़ाई के कर के बहाना बलाथे
डोंगरी पहाड़ी के महामाई दुखहरनी जी कहाथे
धरम ध्वजा हा सुग्गर आगास मा चारो मुड़ा लहराथे
ताल तलईया तोर भुवना मा
ताल तलईया तोर भुवना मा पुरवाई लहराये हे
अंतरा 2
जगमग जोत जंवारा साजे तोर किरपा के आस मा
सदा सहायी रहीबे दाई भगतन के विश्वास मा
नाव जपत तोर अंगना मा आयेव तही समाये सांस मा
जिनगी के अंधियारी छट के किरपा के तोर प्रकाश मा
कांतिकार्तिक तोर भगती मा
कांतिकार्तिक तोर भगती मा जिनगी के रद्दा पाये हे
डोंगरगढ़हीन दाई बमलाई
डोंगरगढ़हीन दाई बमलाई धरम के नगरी बसाये हे
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