कंकालीन मोरे माया हो – कान्तिकार्तिक | Kankalin More Maya Ho Lyrics | JAS GEET LYRICS

कंकालीन मोरे माया हो

Kankalin More Maya Ho Lyrics

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  • गीत : कंकालीन मोरे माया हो
  • गायक : कान्तिकार्तिक यादव
  • गीतकार : परमपुज्य गुरूदेव दास बिलास
  • संगीतकार : ओ. पी. देवांगन
कंकालीन मोरे माया हो चले हो रण में
 
कंकालीन मोरे माया हो चले हो रण में
 
यहो लागे तन मन मोरे सुमिरन में
 
कंकालीन मोरे माया हो चले हो रण में
 


 
यहो रूप बिकट जब धरे महाकाली
 
यहो रूप बिकट जब धरे महाकाली
 
आभुषण सुहाये दाई तोरे तन में
 
आभुषण सुहाये दाई तोरे तन में
 
कंकालीन मोरे माया हो चले हो रण में
 


 
यहो खाडा खप्पर धरे देवी जीभीया निकाले
 
यहो खाडा खप्पर धरे देवी जीभीया निकाले
 
यहो असुर संघारे कंकालीन रण में
 
यहो असुर संघारे कंकालीन रण में
 
कंकालीन मोरे माया हो चले हो रण में
 


 
यहो जय हो जगदम्बा मैया दुर्गा भवानी
 
यहो जय हो जगदम्बा मैया दुर्गा भवानी
 
यहो व्यापक जगत मा तै जन जन में
 
यहो व्यापक जगत मा तै जन जन में
 
कंकालीन मोरे माया हो चले हो रण में
 


 
यहो दास बिलास दाई दुई कर जोरे
 
सेउक भगत दाई दुई कर जोरे
 
कान्तिकार्तिक मैया दुई कर जोरे
 
यहो ठाढ़े हे भगत दाई चरणन में
 
कंकालीन मोरे माया हो चले हो रण में
 
कंकालीन मोरे माया हो चले हो रण में
 


 

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