धमतरी के बिलई माई Dhamtari Ke Bilai Mai Lyrics – Dukalu Yadav | Jas Geet Lyrics

धमतरी के बिलई माई

Dhamtari Ke Bilai Mai Lyrics

Jas Geet Lyrics

 

 

  •  गीत : धमतरी के बिलई मायी
  • गायक : दुकालू यादव
  • गीतकार : दुकालू यादव
  • संगीतकार : दुकालू यादव
 
धमतरी के बिलई माई कईसे करौ तोर बखान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोडे अउ डारे ओमा परान ओ
अउ डारे ओमा परान ओ दाई अउ डारे ओमा परान ओ
अउ डारे ओमा परान ओ दाई अउ डारे ओमा परान ओ
दन्तेश्वरी माता दन्तेश्वरी हे बिलई माता दंन्तेश्वरी
 
अंतरा 1
गुणी जन मन कईथे सुग्घ्घर माता बिलई के कहानी
छोटे छोटे रहे पारीख लईका अक्कल बुध के नादानी
जंगल जावै शिकार लावै धरे रहै तिर कमानी
पखरा रूप में छाँव धूप में बईठे रहे माँ भवानी
संझा बिहनिया कर के दर्शन धरे लईका मन धियान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोड़ अउ डारे ओमा परान ओ
 
अंतरा 2
एक दिन एकझन पारिख लईका जाये शिकार करे बर
हाथ जोड़ के माथ नवा के बोले माता कर ओहर
आज हाथ ले मोर होवै बड़े शिकार हिरण हर
अतका किरपा करदे मैया ऋणि रहू मै हा तुहर
आज नई देबे ता गला काट के देदेहु मै बलिदान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोड़े अउ डारे ओमा परान ओ
 
अंतरा 3
बचन हार के माता बिलई के लईका चले जंगल भीतर
शिकार मारे झोली मा डारे फेर आये माता बिलई कर
मजुर पांख में गला काट के चघादिसे लईका हर
अवइया जवईया मनसे मन  देखे होगे का होनी भयंकर
रावा राई पर गे गांव बस्ती मा होगे सबो हलाकान ओ
कटे मुड़ लातै लईका के जोड़े अउ डारे ओमा परान ओ
 
अंतरा 4
उही समय तब माता बिलई ला जम्मो झन गोहराये
बिलई रूप में परकट होके माता लईका ला जियाये
जय होवै तोर विंध्यवासनी कहिके जयकारा लगाये
जुर मिल के सब नर अउ नारी मंदिर फेर बनवाये
ये प्रेम कोसरिया नव दिन रतिहा करे तुहर गुनगान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोड़े अउ डारे ओमा परान ओ
दंन्तेश्वरी मैया दंतेश्वरी हे बिलई माता दंतेश्वरी
दंतेश्वरी मैया दंतेश्वरी हे बिलई माता दंतेश्वरी
 

 

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